Dara Singh Birthday: 500 कुश्तियों में एक भी नहीं हारे थे दारा सिंह, 36 साल लंबा था करियर

दारा सिंह ने कुश्ती और फिल्मों के बाद साल 1998 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।

By सुमित राय | Published: November 19, 2019 07:32 AM2019-11-19T07:32:46+5:302019-11-19T07:32:46+5:30

Dara Singh Birthday: In 36 Years of career Dara Singh did not lose even one in 500 bouts | Dara Singh Birthday: 500 कुश्तियों में एक भी नहीं हारे थे दारा सिंह, 36 साल लंबा था करियर

1966 में दारा सिंह को रुस्तम-ए-पंजाब और 1978 में रुस्तम-ए-हिंद के खिताब से नवाजा गया था।

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Highlightsपहलवान दारा सिंह का जन्म पंजाब के अमृतसर जिले में 19 नवंबर 1928 को हुआ था। दारा सिंह ने करीब 36 साल तक अखाड़े में पसीना बहाया और 500 कुश्तियों में एक भी नहीं हारे।

पहलवान दारा सिंह का जन्म पंजाब के अमृतसर जिले में 19 नवंबर 1928 को हुआ था। दारा सिंह ने करीब 36 साल तक अखाड़े में पसीना बहाया और अपने करियर की 500 कुश्तियों में एक भी नहीं हारे। जिसकी बदौलत उनका नाम ऑब्जरवर न्यूजलेटर हॉल ऑफ फेम में दर्ज है। 1966 में दारा सिंह को रुस्तम-ए-पंजाब और 1978 में रुस्तम-ए-हिंद के खिताब से नवाजा गया था।

रामायण में हनुमान का किरदार सबसे यादगार

कुश्ती के दिनों से ही उन्हें फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया था। उन्होंने साल 1962 में एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा और कई फिल्मों व सीरियल्स में काम किया। रामानंद सागर के शो रामायण में उन्होंने हनुमान का किरदार निभाया था, जो उनके सबसे यादगार किरदारों में से एक है।

इसके बाद उन्होंने डायरेक्शन के क्षेत्र में भी कदम रखा। दारा सिंह ने साल 1970 में पहली बार फिल्म 'नानक दुखिया सब संसार' को डायरेक्ट किया, जो एक ब्‍लॉकबस्‍टर हिट साबित हुई। दारा सिंह फिल्‍म जब वी मेट में आखिरी बार करीना कपूर के दादा जी के रूप में नजर आए थे।

दारा सिंह का राजनीतिक करियर

दारा सिंह ने कुश्ती और फिल्मों के बाद साल 1998 में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन किया और राजनीतिक करियर की शुरुआत की। दारा सिंह को साल 2003 में राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया। वो पहले ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्हें राज्य सभा के लिए नॉमिनेट किया गया था। इसके अलावा वो जाट महासभा के भी प्रेसिडेंट थे।

हार्ट अटैक के बाद निधन

12 जुलाई 2012 को दिल का दौरा पड़ने से दारा सिंह की मौत हो गई थी। 7 जुलाई 2012 को हार्ट अटैक के बाद दारा सिंह को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन डॉक्टरों ने उनमें कुछ सुधार ना होता देख हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद उनके परिवार वालों के आग्रह पर अस्पताल से उन्हें छुट्टी मिली और उनको मुंबई स्थित घर ले जाया गया। जहां उन्होंने 12 जुलाई 2012 की सुबह अंतिम सांस ली।

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