#MeToo बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी यौन उत्पीड़न आरोपों से बरी, सीओए जांच समिति ने दी क्लीन चिट

Rahul Johri: सीओए की तीन सदस्यीय जांच समिति ने बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी कर दिया है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 21, 2018 05:59 PM2018-11-21T17:59:06+5:302018-11-21T18:03:29+5:30

BCCI CEO Rahul Johri cleared of sexual harassment allegations by COA three member probe panel | #MeToo बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी यौन उत्पीड़न आरोपों से बरी, सीओए जांच समिति ने दी क्लीन चिट

बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी यौन उत्पीड़न आरोपों से बरी

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बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी को बुधवार को प्रशासकों की समिति (सीओए) की तीन सदस्यीय जांच समिति ने यौन उत्पीड़न के आरोपों से बारी कर दिया। इस समिति ने कम से कम दो महिलाओं द्वारा जोहरी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को 'शरारती' और 'मनगढ़ंत' करार दिया। 

जोहरी पिछले तीन हफ्ते से छुट्टी पर भेजे दिए गए थे लेकिन अब वह अपना पदभार संभाल सकते हैं। हालांकि इस जांच समिति के एक सदस्य ने जोहरी के लिए 'लैंगिक संवेदनशीलता काउंसलिंग' की पेशकश की।

अपनी रिपोर्ट में इस जांच समिति के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) राकेश शर्मा ने कहा, 'ऑफिस या कहीं और यौन उत्पीड़न के आरोप झूठे, आधारहीन है और राहुल जोहरी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए परोक्ष रूप से तैयार किया गया और मनगंढ़त है।'

इस तीन सदस्यीय जांच समिति में शर्मा के अलावा दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और वकील-कार्यकर्ता वीना गौड़ा भी शामिल थीं। गौड़ा ने चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान एक शिकायतकर्ता द्वारा जोहरी के 'अनुचित व्यवहार' की शिकायत के बाद उनके लिए काउंसलिंग की पेशकश की।

वीना ने हालांकि कहा कि जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई मामला नहीं बनता। सीओए ने 25 अक्टूबर को गठित इस समिति को जांच पूरी करने के लिए 15 दिन का समय दिया था। इसकी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को भी सौंपी जाएगी। सीओए की सदस्य एडुल्जी चाहती हैं कि बुधवार को यह रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हो और उन्होंने मांग की कि इसका अध्ययन करने के लिए उन्हें कम से कम कुछ दिन का समय दिया जाए।

सीओए प्रमुख विनोद राय ने हालांकि समिति के सदस्यों और बीसीसीआई की विधि टीम के समक्ष रिपोर्ट को खोल दिया। एडुल्जी समिति के गठन के खिलाफ थी और चाहती थी कि आरोपों के आधार पर जौहरी को बर्खास्त किया जाए जबकि राय का मानना था कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार किसी कार्रवाई से पहले जांच जरूरी है।

(PTI इनपुट्स के साथ)

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