अयाज मेमन का कॉलम: टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीत की क्या हैं संभावनाएं ?

ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर रवाना होने से पूर्व कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने बातें स्पष्ट कर दीं।

By अयाज मेमन | Published: November 17, 2018 08:58 AM2018-11-17T08:58:33+5:302018-11-17T08:58:33+5:30

Ayaz Memon Column: Will Team India win series in Australia | अयाज मेमन का कॉलम: टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीत की क्या हैं संभावनाएं ?

अयाज मेमन का कॉलम: टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीत की क्या हैं संभावनाएं ?

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ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर रवाना होने से पूर्व कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ने बातें स्पष्ट कर दीं। पहली-अब विश्व कप को देखते हुए टीम में ज्यादा फेरबदल नहीं होंगे। हालांकि, मुझे लगता है कि एक-दो चेंज जरूर होंगे और ये अहम भी हैं। मेरे हिसाब से टीम प्रबंधन को पृथ्वी शॉ पर गंभीरता से सोचना चाहिए। दूसरी बात-दोनों ने कहा कि टीम को इस बार टेस्ट सीरीज जीतने का सुनहरा मौका है। भारत अब तक ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है। हालांकि विदेशी धरती पर अच्छा प्रदर्शन करने में भारत को परेशानी से गुजरना पड़ा है।

सत्र के शुरुआत में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में उम्मीद के अनुरूप अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। लिहाजा, विराट सेना को संयम के साथ खेलना होगा। ऑस्ट्रेलिया सीरीज कप्तान और कोच के साख से जुड़ी है। अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करने पर उन्हें आलोचनाओं का सामना भी करना होगा। कब तक आप गलतियों से आगे बढ़ने की बात कहकर बचते रहेंगे। दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में भारत के पास जीतने के भी अवसर थे, लेकिन स्थितियों को भुनाने पर ज्यादा गौर करने की जरूरत है।

भारतीय कप्तान जरूर कहते हैं कि टीम ने काफी सुधार किया है, लेकिन जिस तरह की गलतियां हुईं उससे निजात पाने की जरूरत है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया दौरे में पता चलेगा कि टीम ने पिछली गलतियों से क्या सीख ली। खिलाड़ियों के व्यक्तिगत प्रदर्शन करने पर सबसे अहम मुद्दा भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का है। ऑस्ट्रेलिया की विकेटों पर तेज गेंदबाजों को अधिक मेहनत करनी होगी। क्योंकि, ऑस्ट्रेलिया की विकेटों पर इंग्लैंड की तरह गेंदें स्विंग नहीं होतीं। यहां तेज गति से गेंदें डालनी होती है।

बल्लेबाजों के लिए भी चुनौतियां आसान नहीं होंगी। मुरली विजय, रोहित शर्मा टीम में वापसी कर रहे हैं। अजिंक्य रहाणे अपनी ख्याति के अनुरूप नहीं खेल रहे हैं। चेतेश्वर पुजारा भी छाप छोड़ने में सफल नहीं हो पाए हैं। इन सबके पास टेस्ट क्रिकेट खेलने का तगड़ा अनुभव है। लिहाजा, अब सीखने की प्रक्रिया का बहाना नहीं दिया जा सकता। साथ ही केवल विराट कोहली पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। अन्य बल्लेबाजों को भी योगदान देना ही होगा।

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