विको के चेयरमैन यशवंत पेंढारकर का 85 वर्ष की आयु में हुआ निधन
By फहीम ख़ान | Updated: May 24, 2024 21:39 IST2024-05-24T21:39:03+5:302024-05-24T21:39:20+5:30
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, यशवंत केशव पेंढारकर विको समूह में शामिल हो गए। उनके कानूनी अध्ययन से विको समूह को काफी लाभ हुआ।

विको के चेयरमैन यशवंत पेंढारकर का 85 वर्ष की आयु में हुआ निधन
नागपुर: विको कंपनी के चेयरमैन यशवंत केशव पेंढारकर का वृद्धावस्था के कारण शुक्रवार की शाम 4 बजे उनके सिविल लाइंस स्थित निवास में निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे। उनकी अंतिम यात्रा शनिवार 25 मई को सुबह 9:30 बजे उनके निवास, ‘केशवायनमः’, 1662-ए, चिटणविस मार्ग, सिविल लाइंस नागपुर से अंबाझरी घाट के लिए निकलेगी। उनके पीछे पत्नी शुभदा, बेटे अजय और दीप, बेटी दीप्ति, नाती-पोते और एक बड़ा परिवार है।
यशवंतराव पेंढारकर ने कानून में स्नातक (एलएलबी) की उपाधि प्राप्त की थी। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, वह विको समूह में शामिल हो गए। उनके कानूनी अध्ययन से विको समूह को काफी लाभ हुआ। उनकी वजह से ही कंपनी सेंट्रल एक्साइज के खिलाफ करीब 30 साल तक चले केस को जीतने में सफल रही। उन मामलों में बहस के साथ-साथ संपूर्ण कानूनी निर्णय उनके मार्गदर्शन में लिए गए थे।
उन्होंने कुछ समय तक कंपनी में निदेशक के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली। वह 2016 में विको कंपनी के चेयरमैन बने। उनके नेतृत्व में कंपनी ने समय के साथ बदलावों को अपनाया और प्रगति के नये सोपानों पर पहुंची। उनकी अध्यक्षता में ही कंपनी को इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा 'ब्रांड ऑफ द ईयर 2023' का प्रतिष्ठित पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। इसके अलावा उनके कार्यकाल के दौरान कंपनी को निर्यात संबंधी कई पुरस्कार प्राप्त हुए है।
वह औद्योगिक जगत में एक सौम्य, प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे। वे संस्कृत भाषा में पारंगत थे। उन्हें भगवत गीता, रामायण आदि धार्मिक ग्रंथ पढ़ने का बहुत शौक था। उनके निधन से औद्योगिक जगत ने एक सुसंस्कृत एवं समझदार व्यक्तित्व तथा सबको साथ लेकर चलने वाले उद्यमी को खो दिया है।