उत्तर प्रदेशः आधी आबादी पर नजर, नौकरी ही नौकरी?, यूपी में 13 प्रतिबंधित क्षेत्रों में रोजगार देने की तैयारी, कारखाना नियमावली 1950 में बदलाव!
By राजेंद्र कुमार | Updated: February 10, 2025 17:50 IST2025-02-10T17:50:12+5:302025-02-10T17:50:56+5:30
जिले में महिलाओं को स्थायी रोजगार मुहैया कराकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को और मजबूत किया जा सके.

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लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं को फ्री योजना का लाभ देकर उन्हे पार्टी से जोड़ने की पार्टी नीति में संशोधन कर महिलाओं को कारखानों में रोजगार देने की प्लान तैयार कर रहे हैं. इसके चलते योगी सरकार यूपी की कारखाना नियमावली 1950 में बदलाव कर 13 प्रतिबंधित या सीमित क्षेत्रों में महिलाओं को स्थायी रोजगार मुहैया कराएगी. योगी के इस प्लान का ड्राफ्ट मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की देखरेख में तैयार किया जा रहा है. जल्दी ही इस ड्राफ्ट को कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा ताकि यूपी की कारखाना नियमावली 1950 में बदलाव कर राज्य के हर जिले में महिलाओं को स्थायी रोजगार मुहैया कराकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को और मजबूत किया जा सके.
मुख्यमंत्री योगी के महिलाओं को कारखानों में स्थायी रोजगार मुहैया कराने संबंधी मुख्यमंत्री योगी के प्लान को तैयार करने में जुटे एक अधिकारी के अनुसार, यूपी कारखाना नियमावली के नियम 109 में उन कामों की उल्लेख है, जिनमें महिलाओं को काम करने की या तो मनाही है या उन्हे बहुत ही सीमित क्षेत्रों में ही नियोजित किया जाता सकता है.
जिसके चलते मुरादाबाद के पीतल कारोबार, अलीगढ़ के ताला कारोबार, बरेली की फर्नीचर और गारमेंट इंडस्ट्री में भी महिलाओं को भूमिका बहुत की कम है. कानपुर के चमड़े कारोबार में भी महिलाओं की हिस्सेदारी ना के बराबर है. अधिकारियों का कहना है कि कारखानों में खतरे की आशंका को देखते हुए यूपी कारखाना एक्ट 1950 के तहत तमाम कार्यों को करने की अनुमति महिलाओं को नहीं हैं.
ऐसे कामों की सूची अलग से बनाई गई है जहां महिलाओं को काम करने की अनुमति नहीं है. इस कारण महिलाओं को किसी भी ट्रांसमिशन मशीनरी के किसी भी भाग की सफाई आदि का कार्य देने पर मनाही है क्योंकि इससे महिला के घायल होने का खतरा हो. इसी वजह से कॉटन प्रेसिंग में भी महिलाओं की ड्यूटी पर रोक लगी हुई.
इसी तरह इलेक्ट्रोलाइट प्लेटिंग, इलेक्ट्रिक एक्यूमुलेटर से जुड़े ऐसे काम जहां लेड को रॉ ऑक्साइड के उपयोग से प्रॉसेस किया जा रहा, वहां भी महिलाओं को नौकरी नहीं दी जाती. ग्लास मैन्युफैक्चरिंग, खतरनाक पेट्रोलियम से गैस निर्माण, प्रिंटिग प्रेस, केमिकल निर्माण, मैटल क्लीनिंग, ब्रॉसवेयर निर्माण आदि से जुड़े कार्यों के अधिकतर हिस्सों में महिलाओं को नियोजित करने पर अभी रोक लगाई है. अब इस सारे क्षेत्रों में योगी सरकार महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने की तैयारी में हैं.
वियतनाम मॉडल का हो रहा अध्ययन
मुख्यमंत्री का मानना है कि यूपी के समावेशी विकास के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना जरूरी है. इसके लिए महिलाओं को कुछ लाभकारी योजनाओं का हिस्सा बनाने के साथ ही उन्हे स्थायी रोजगार देना होगा. अब जब कारखानों में भी काम-काज की स्थितियां बदली हैं. आधुनिक मशीनों के जरिए बहुत से काम सहज करते दिए हैं और संभावित खतरों को भी न्यूनतम कर दिया है.
तब यह जरूरी है कि इन क्षेत्रों को महिलाओं के लिए खोला जाए. इसी सोच का तहत 13 अनुसूचियों में उल्लेखित कार्यक्षेत्रों में अब महिलाओं को काम की अनुमति देने के लिए नियम बनाए जाएंगे. इसके लिए योगी सरकार वियतनाम मॉडल का भी अध्ययन करा रही है. वियतनाम में एशिया में सबसे अधिक महिला वर्कफोर्स हैं.
वहां महिलाओं की दो-तिहाई संख्या कहीं न कहीं नियोजित हैं. गारमेंट इंडस्ट्री में वहां सबसे अधिक महिला कार्य कर रही हैं. वहां महिलाओं की सहूलियत के हिसाब से नियमों में क्या -क्या बदलाव किए गए हैं? और कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा तथा सुविधाओं के क्या मानक तय बनाए गए हैं.
इस सभी का अध्ययन कर वहां के अनुभवों आदि को समाहित कर यूपी में महिलाओं को रोजगार मुहैया करने की प्लान तैयार किया जा रहा है. सीएम योगी की योजना है कि अगले साल तक इस प्लान को लागू कर बड़ी संख्या में महिलाओं को फ़ैक्टरियों में स्थायी नौकरी दिलाई जाये, ताकि उसका लाभ वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा के चुनाव में भाजपा को मिला सके.