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विरोध प्रदर्शन के अधिकार का उपयोग गतिरोध पैदा करने के लिए नहीं: फिक्की प्रमुख

By भाषा | Updated: December 23, 2020 20:29 IST

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नयी दिल्ली, 23 दिसंबर उद्योगमंडल, फिक्की के नवनिर्वाचित अध्यक्ष उदय शंकर ने कहा है कि ‘विरोध के अधिकार’ का उपयोग किसी समस्या के समाधान के लिए होना चाहिए न कि अन्य लोगों के जीवन में बाधा पैदा करने वाले सतत गतिरोध पैदा करने के लिए। उन्होंने यह बात ऐसे समय की है जबकि तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 28 से दिल्ली में प्रवेश के मार्गों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

आंदोलन का नेतृत्व कर रही किसान यूनियनों ने केंद्र सरकार की नये सिरे से वार्ता के प्रस्ताव पर फैसला टाल दिया। कंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को उम्मीद जताई थी कि किसान जल्द ही नए कृषि कानूनों पर गतिरोध को हल करने के लिए बातचीत फिर से शुरू करेंगे।

किसानों के इस आंदोलन पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में उदय शंकर ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रचनात्मक ढांचे में बातचीत हो।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह समझ नहीं पा रहा हूं कि एक तरफ हर कोई मानता है कि कृषि क्षेत्र, बहुत कम सुधार वाले क्षेत्रों में से एक है, हमें कृषि उत्पादन, पैदावार बढ़ाने की जरूरत है, हमें भू-स्वामी के साथ साथ इन खेतों पर निर्भर करने वाले लोगों की आय बढ़ाने की जरूरत है। हमें पूंजी के प्रवाह को खोलने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि भारत वैविध्यताओं से भरा लोकतंत्र है और लोगों को अपनी असहमति जताने और अपनी बात उठाने का अधिकार है।

शंकर ने कहा, ‘‘मेरे पास उसके बारे में दो विचार हैं। सबसे पहले, किसी के विरोध को अन्य लोगों के सामान्य जीवन को पंगु नहीं बनाना चाहिए। जबकि हमें विरोध करने के लोगों के अधिकार का सम्मान जरूर करना चाहिए, हमें अपने सामान्य जीवन और व्यवसाय का संचालन करने के लिए लोगों के अधिकार का भी सम्मान करना चाहिए। विरोध का यह मतलब नहीं है कि किसी स्थिति को अपने कब्जे में की लें ।’’

अर्थव्यवस्था के बारे में शंकर ने कहा कि देश ने आपूर्ति और मांग के संदर्भ में महामारी के कारण उत्पन्न स्वाथ्य एवं सामाजिक स्तर पर व्यवधान बहुत व्यापक है। हमने महीनों तक इसको भुगता और अब लग रहा है कि अर्थव्यवस्था जोरदार तरीके से सुधर रही है।

आगामी केंद्रीय बजट से संबंधित एक प्रश्न पर शंकर ने कहा कि सरकार को संसाधनों को बढ़ाने के तरीकों पर विचार करना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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