‘चीन के शिनजिआंग प्रांत से कपास आयात पर अमेरिका की पाबंदी भारतीय परिधान क्षेत्र के लिये अवसर’

By भाषा | Updated: September 3, 2021 23:08 IST2021-09-03T23:08:24+5:302021-09-03T23:08:24+5:30

'US ban on cotton imports from China's Xinjiang province an opportunity for the Indian apparel sector' | ‘चीन के शिनजिआंग प्रांत से कपास आयात पर अमेरिका की पाबंदी भारतीय परिधान क्षेत्र के लिये अवसर’

‘चीन के शिनजिआंग प्रांत से कपास आयात पर अमेरिका की पाबंदी भारतीय परिधान क्षेत्र के लिये अवसर’

अमेरिका के चीन के शिनजिआंग क्षेत्र से कपास के आयात पर पाबंदी से भारतीय कपड़ा क्षेत्र के लिये नये अवसर सृजित हुए हैं। इससे देश के सूती परिधान क्षेत्र के लिये निर्यात को बढ़ावा देने के नये अवसर खुले हैं। कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने शुक्रवार को यह कहा। अमेरिका ने श्रम बल से जबरन काम लिये जाने के आरोपों को लेकर जनवरी में चीन के शिनजिआंग क्षेत्र से सूती उत्पादों के आयात पर पाबंदी लगाये जाने की घोषणा की थी। शक्तिवेल ने कहा कि एईपीसी ने चीन से अमेरिका को निर्यात किये जाने वाले 20 कपास परिधान उत्पादों को चिन्हित किया है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हमने प्रतिबंध के बाद अमेरिकी बाजार में माल की कमी को पूरा करने के लिये अपने सदस्यों के साथ सूची साझा की है। चीन के शिनजिआंग क्षेत्र से सूती कपड़ों के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध ने भारतीय वस्त्रों के लिए अवसर प्रदान किए हैं। हालांकि इसके लिये जरूरी है कच्चे माल की कीमतों में स्थिरता बनी रहे।’’ उन्होंने कपास और धागों की कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर चिंता जतायी। इससे देश से परिधान निर्यात पर असर पड़ रहा है। शक्तिवेल ने कपड़ा मंत्रालय से मूल्य वर्धित निर्यात पर प्रोत्साहन तथा कच्चे माल के निर्यात को हतोत्साहित करने जैसे कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय कपास परिषद (सीसीआई) को 70 प्रतिशत कपास स्थानीय विनिर्माताओ को उपलब्ध कराने चाहिए। इससे मूल्य वर्धित निर्यात, निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: 'US ban on cotton imports from China's Xinjiang province an opportunity for the Indian apparel sector'

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे