तुर्किये और अजरबैजान बॉयकॉट शुरू, बुकिंग में 60 प्रतिशत की गिरावट, सेब और अन्य उत्पादों के आयात का बहिष्कार, देखिए व्यापारी क्या बोले
By सतीश कुमार सिंह | Updated: May 14, 2025 20:10 IST2025-05-14T18:48:59+5:302025-05-14T20:10:22+5:30
भारत के तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापारिक संबंधों में तनाव आने की आशंका है, क्योंकि इन दोनों देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और वहां आतंकी ठिकानों पर भारत के हालिया हमलों की निंदा की है।

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नई दिल्लीः जेएनयू ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक समझौता ज्ञापन को स्थगित कर दिया है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में असर दिखाना शुरू हो गया है। भारत के साथ हालिया तनाव के बीच तुर्किये द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने के बाद साहिबाबाद फल मंडी के फल व्यापारियों ने तुर्की से सेब और अन्य उत्पादों के आयात का बहिष्कार करने का फैसला किया है। भारतीय कारोबारियों ने भी तुर्किये के सेब और संगमरमर जैसे उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा के बहिष्कार के आह्वान के बीच यात्रा मंच मेकमाईट्रिप ने बुधवार को कहा कि पिछले एक सप्ताह में दोनों देशों के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि रद्दीकरण में 250 प्रतिशत यानी ढाई गुना की वृद्धि हुई है।
#WATCH | Ghaziabad, Uttar Pradesh | Following Turkey's support for Pakistan amid recent tensions with India, the fruit traders of Sahibabad fruit market decided to boycott imports of apples and other products from Turkey. pic.twitter.com/MR0gmDvSQ1
— ANI (@ANI) May 14, 2025
#WATCH | Ghaziabad, Uttar Pradesh | A fruit trader from Sahibabad fruit market says, "We have boycotted all the products from Turkey as it supported Pakistan. Products worth around Rs 1000 crores are imported here from Turkey, but we have boycotted all those products." pic.twitter.com/qXLfXJeyi1— ANI (@ANI) May 14, 2025
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान को ‘समर्थन’ देने के कारण पूरे देश में तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करने का आह्वान किया जा रहा है। भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए छह और सात मई की दरमियानी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।
इसके बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए आक्रमण का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत दिया गया। तुर्किये और अजरबैजान, दोनों देशों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले की आलोचना की थी। मेकमाईट्रिप के प्रवक्ता ने कहा, “पिछले एक सप्ताह में भारतीय यात्रियों ने मजबूत भावनाएं व्यक्त की हैं।
अजरबैजान और तुर्किये के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि रद्दीकरण में 250 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।” उन्होंने कहा, “अपने देश के साथ एकजुटता और अपने सशस्त्र बलों के प्रति गहरे सम्मान के कारण, हम इस भावना का दृढ़ता से समर्थन करते हैं और सभी को अजरबैजान और तुर्किये की अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह देते हैं।”
भारत का तुर्किये को निर्यात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान 5.2 अरब डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 6.65 अरब डॉलर था। यह भारत के कुल 437 अरब डॉलर के निर्यात का सिर्फ 1.5 प्रतिशत है। वहीं, भारत का अजरबैजान को निर्यात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान मात्र 8.60 करोड़ डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 8.96 करोड़ डॉलर था।
यह भारत के कुल निर्यात का मात्र 0.02 प्रतिशत है। तुर्किये से भारत का आयात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 के दौरान 2.84 अरब डॉलर था, जबकि 2023-24 में यह 3.78 अरब डॉलर था। यह भारत के कुल 720 अरब डॉलर के आयात का सिर्फ 0.5 प्रतिशत है। भारत में अजरबैजान से आयात अप्रैल, 2024 से फरवरी, 2025 तक 19.3 करोड़ डॉलर था, जो 2023-24 में 7.4 लाख डॉलर यानी भारत के कुल आयात का मात्र 0.0002 प्रतिशत था। भारत का दोनों देशों के साथ व्यापार अधिशेष है।
भारत द्वारा तुर्किये को खनिज ईंधन और तेल (2023-24 में 96 करोड़ डॉलर); विद्युत मशीनरी और उपकरण; वाहन और उसके कलपुर्जे; कार्बनिक रसायन; फार्मा उत्पाद; टैनिंग और रंगाई की वस्तुएं; प्लास्टिक, रबड़; कपास; मानव निर्मित फाइबर, लोहा और इस्पात का निर्यात किया जाता है।
वहीं, तुर्किये से भारत विभिन्न प्रकार के मार्बल (ब्लॉक और स्लैब); ताजा सेब (लगभग एक करोड़ डॉलर), सोना, सब्जियां, चूना और सीमेंट; खनिज तेल (2023-24 में 1.81 अरब डॉलर); रसायन; प्राकृतिक या संवर्धित मोती; लोहा और इस्पात का आयात करता है। दोनों देशों के बीच साल 1973 में एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके बाद 1983 में आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर भारत-तुर्की संयुक्त आयोग की स्थापना पर एक समझौता हुआ।
भारत अजरबैजान को तम्बाकू और उसके उत्पाद (2023-24 में 2.86 करोड़ डॉलर); चाय, कॉफी; अनाज; रसायन; प्लास्टिक; रबड़; कागज और पेपर बोर्ड; और सिरेमिक उत्पाद का निर्यात करता है। वहीं, भारत में अजरबैजान से पशु चारा; जैविक रसायन; आवश्यक तेल और इत्र; तथा कच्ची खालें और चमड़े (अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान 15.2 लाख डॉलर) आता है।
भारत साल 2023 में अज़रबैजान के कच्चे तेल के लिए तीसरा सबसे बड़ा गंतव्य था। वर्तमान में तुर्किये में लगभग 3,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें 200 छात्र शामिल हैं। इसी तरह, अज़रबैजान में भारतीय समुदाय के लोगों की संख्या 1,500 से ज़्यादा है।
भारतीय कंपनियों ने पिछले महीने तुर्किये, अजरबैजान में 60 लाख डॉलर का निवेश किया
पाकिस्तान को समर्थन देने वाले तुर्किये और अजरबैजान में भारत की चार कंपनियों ने अप्रैल महीने में करीब 60 लाख डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई। यह राशि पिछले महीने भारतीय कंपनियों द्वारा जताई गई कुल 6.8 अरब डॉलर की विदेशी निवेश प्रतिबद्धता का एक छोटा सा हिस्सा है। तुर्किये और अजरबैजान ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर भारत की सैन्य कार्रवाई की निंदा की थी।
इसके बाद से ही इन देशों के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों के तनावपूर्ण होने के आसार दिख रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी आंकड़ों के मुताबिक, भारत से दूसरे देशों में एफडीआई अप्रैल के दौरान करीब 90 प्रतिशत बढ़कर 6.8 अरब डॉलर हो गया। अप्रैल, 2004 में यह 3.59 अरब डॉलर और मार्च, 2025 में 5.9 अरब डॉलर था।
रिजर्व बैंक की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, तुर्किये में ओमेगा प्लास्टो लिमिटेड, रामा प्योर वॉटर प्राइवेट लिमिटेड और एक्सिरो सेमीकंडक्टर प्राइवेट लिमिटेड ने संयुक्त उद्यमों और पूर्ण-स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी के जरिये कुल 2.8 लाख डॉलर का निवेश किया। वहीं, अजरबैजान में ‘प्रोजेक्ट असलान’ ने कृषि और खनन क्षेत्रों में 56 लाख डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
अप्रैल महीने में टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने नीदरलैंड में 1.12 अरब डॉलर, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी ने सिंगापुर में 78.06 करोड़ डॉलर, भारतीय जीवन बीमा निगम ने श्रीलंका में 68.55 करोड़ डॉलर और संवर्धन मदर्सन इंटरनेशनल ने मॉरीशस में 77.2 करोड़ डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई।