सीमित आपूर्ति से टमाटर कीमतों में तेजी, मेट्रो शहरों में कीमत 72 रुपये किलो की ऊंचाई पर

By भाषा | Published: October 13, 2021 03:32 PM2021-10-13T15:32:47+5:302021-10-13T15:32:47+5:30

Tomato prices rise due to limited supply, prices in metro cities hit a height of Rs 72 a kg | सीमित आपूर्ति से टमाटर कीमतों में तेजी, मेट्रो शहरों में कीमत 72 रुपये किलो की ऊंचाई पर

सीमित आपूर्ति से टमाटर कीमतों में तेजी, मेट्रो शहरों में कीमत 72 रुपये किलो की ऊंचाई पर

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश की वजह से आपूर्ति घटने के कारण मेट्रो शहरों के खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमतें 72 रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंचाई तक पहुंच गई हैं।

महानगरों में, टमाटर के खुदरा मूल्य में सबसे अधिक वृद्धि कोलकाता में देखी गई, जहां इस प्रमुख सब्जी की कीमत 12 अक्टूबर को 72 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि एक महीने पहले यह कीमत 38 रुपये प्रति किलोग्राम थी।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली और चेन्नई में, टमाटर की खुदरा कीमतें एक महीने पहले की तुलना में क्रमशः 30 रुपये और 20 रुपये प्रति किग्रा से बढ़कर 57 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं।

आंकड़ों से पता चलता है कि मुंबई में, खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमत पहले के 15 रुपये किलो से बढ़कर 53 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।

टमाटर की खुदरा कीमतें गुणवत्ता और बिक्री वाले इलाके के आधार पर भिन्न होती हैं।

आजादपुर टमाटर संघ के अध्यक्ष अशोक कौशिक ने बुधवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश ने फसल को नुकसान पहुंचाया है, जिससे दिल्ली जैसे उपभोक्ता बाजारों में आपूर्ति प्रभावित हुई है। इससे थोक और खुदरा दोनों बाजारों में कीमतों में वृद्धि हुई है।’’

राष्ट्रीय राजधानी में स्थित आजादपुर मंडी फलों और सब्जियों के लिए एशिया का सबसे बड़ा थोक बाजार है।

उन्होंने कहा कि यहां तक ​​कि शिमला जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भी बेमौसम बारिश के कारण फसल प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश वाले उत्पादक राज्यों में टमाटर की 60 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है।

उन्होंने कहा कि नतीजतन, एक महीने में टमाटर की कीमतें आजादपुर मंडी में लगभग दोगुनी होकर 40-60 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं, क्योंकि इस सब्जी की दैनिक आवक 250-300 टन रह गई है।

मौजूदा समय में, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के प्रमुख उत्पादक राज्यों में कटाई चल रही है। टमाटर की फसल बोने के लगभग दो-तीन महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाती है और बाजार की आवश्यकता के अनुसार कटाई की जाती है।

नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश भारत, 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज के साथ करीब 1.975 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन करता है।

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