टमाटर और होगा लाल! आने वाले हफ्तों में कीमत 300 रुपये प्रति किलो तक जाने की संभावना
By विनीत कुमार | Published: July 14, 2023 01:50 PM2023-07-14T13:50:39+5:302023-07-14T13:52:05+5:30
टमाटर की कीमतें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। इसकी कीमत 300 रुपये किलो तक जा सकती है। हालांकि, मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नई फसल की आवक जल्द होने की उम्मीद है और कीमतों में जल्द ही कमी आएगी।
नई दिल्ली: भारत में टमाटर की कीमतें पिछले कुछ दिनों में 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई हैं। देश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है, जिससे फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं, कुछ अन्य हिस्सों में पर्याप्त वर्षा की कमी के कारण उत्पादन और परिवहन प्रभावित हो रहा है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले दिनों में टमाटर के दाम और बढ़ने की संभावना है। संभवत: आने वाले हफ्तों में टमाटर की कीमत 300 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है।
मनी कंट्रोल के अनुसार, नेशनल कमोडिटीज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (एनसीएमएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय गुप्ता ने कहा कि मूल्य वृद्धि की समस्या कुछ समय तक जारी रहेगी। उन्होंने यहां तक कहा कि बारिश के बीच कोई नया पौधारोपण भी नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, 'आने वाले हफ्तों में कीमतें बढ़ती रहेंगी। कीमतें स्थिर होने में हमें कम से कम 2 महीने का समय लगेगा।'
कीमतें जून में 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर जुलाई के पहले सप्ताह में औसतन 100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। भारी बारिश के बीच, देश के विभिन्न क्षेत्रों से आपूर्ति प्रभावित हुई, कीमतें औसतन 200 रुपये किलोग्राम तक बढ़ गईं थी।
टमाटर की खेती प्रमुख रूप से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और हरियाणा सहित राज्यों में की जाती है। कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक देश के कुल उत्पादन का 91 फीसदी इन्हीं राज्यों में दर्ज होता है।
टमाटर की मौजूदा आपूर्ति केवल दक्षिणी और कुछ पूर्वोत्तर इलाकों से हो रही है। आपूर्ति कम होने का कारण केवल मौसम की स्थिति ही नहीं है। टमाटर एक छोटी अवधि की फसल है जो गर्मी के प्रति बहुत संवेदनशील है। फरवरी और मार्च के बीच भारत के बड़े हिस्से में शुरुआती गर्मी की लहर के कारण फसल के कुछ हिस्से नष्ट हो गए। वहीं, दो अलग-अलग वायरस ने भी कर्नाटक और महाराष्ट्र में टमाटर की फसलों को नुकसान पहुंचाया।
कम उत्पादन का एक अन्य कारण किसानों का अपनी उगाई गई फसलों के लिए उचित मूल्य नहीं मिल पाना है।
12 जुलाई को, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बढ़ती खुदरा कीमत पर अंकुश लगाने के लिए प्रमुख उपभोग केंद्रों में वितरण के लिए आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक से टमाटर की खरीद का आदेश दिया खा। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नई फसल की आवक जल्द होने की उम्मीद है और कीमतों में जल्द ही कमी आने की उम्मीद है।