बिलों की स्वत: भुगतान व्यवस्था जारी रखने के लिये एक अप्रैल से करना होगा आरबीआई के निर्देश का पालन

By भाषा | Updated: March 30, 2021 19:32 IST2021-03-30T19:32:13+5:302021-03-30T19:32:13+5:30

To continue the automatic payment of bills, we have to follow RBI instructions from April 1. | बिलों की स्वत: भुगतान व्यवस्था जारी रखने के लिये एक अप्रैल से करना होगा आरबीआई के निर्देश का पालन

बिलों की स्वत: भुगतान व्यवस्था जारी रखने के लिये एक अप्रैल से करना होगा आरबीआई के निर्देश का पालन

नयी दिल्ली, 30 मार्च एक अप्रैल से अब रिचार्ज और जन सुवधाओं के बिलों का भुगतान (ऑटोमेटिक रेकरिंग पेमेंट) स्वत: नहीं हो पाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 31 मार्च के बाद सत्यापन के लिये अतिरिक्त उपाय (एएफए) को अनिवार्य किया है।

हालांकि बैंक और भुगतान सुविधा प्रदान करने वाले मंच स्वत: बिलों के भुगतान को लेकर आरबीआई के निर्देश के अनुपालन के लिये अतिरिक्त समय मांग रहे हैं।

आरबीआई ने चार दिसंबर को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) तथा भुगतान सुविधा देने वाले मंचों समेत सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि कार्ड या प्रीपेड भुगतान उत्पाद (पीपीआई) या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग कर स्वत: बिल भुगतान (घरेलू या विदेशी) की व्यवस्था में अगर एएफए का अनुपालन नहीं हो रहा है, तो वह व्यवस्था 31 मार्च, 2021 से जारी नहीं रहेगी।

केंद्रीय बैंक ने जोखिम कम करने के उपायों के तहत इस कदम की घोषणा की जिसका मकसद कार्ड के जरिये लेन-देन को मजबूत और सुरक्षित बनाना है।

अगर इस अतिरिक्त सत्यापन उपाय का अनुपालन नहीं किया गया, तो संबंधित इकाइयों को बिजली समेत अन्य ग्राहक केंद्रित सेवाओं, ओटीटी (ओवर द टॉप) समेत अन्य बिलों के भुगतान में 31 मार्च के बाद असर पड़ सकता है।

हाल ही में आरबीआई ने संपर्क रहित कार्ड के जरिये भुगतान और कार्ड तथा यूपीआई के जरिये स्वत: बिलों के भुगतान की सीमा एक जनवरी से 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी। इस पहल का मकसद डिजिटल लेन-देन को सुगम और सुरक्षित बनाना है।

इस नये नियम के तहत बैंकों को नियमित तौर पर बिलों के भुगतान के बारे में ग्रहक को सूचना देनी होगी और ग्राहक से मंजूरी के बाद ही उसका भुगतान किया जा सकेगा। अत: इससे बिलों का भुगतान स्वत: नहीं होगा बल्कि ग्राहक से सत्यापन यानी मंजूरी के बाद ही हो सकेगा।

नये दिशानिर्देश के तहत 5,000 रुपये से अधिक के भुगतान के लिये बैंकों को नये दिशानिर्देश के तहत ग्राहकों को ‘वन-टाइम पासवर्ड’ भेजना होगा।

ई-वाणिज्य कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उद्योग अभी आरबीआई के निर्देश के क्रियान्वयन के लिये तैयार नहीं है।

उसने कहा कि अगर आरबीआई ने नियम के अनुपालन को लेकर समय नहीं दिया तो एक अप्रैल से ग्राहक ने लेन-देन को लेकर जो ई- मंजूरी दे रखी है, बैंक उसका अनुपालन नहीं कर पाएंगे। इससे नियमित तौर पर बिलों के भुगतान और अन्य लेन-देन बाधित होंगे। इससे डिजिटल भुगतान को लेकर ग्राहकों का भरोसा टूटेगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: To continue the automatic payment of bills, we have to follow RBI instructions from April 1.

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे