आईवीएफ तकनीक से बछड़ों की आबादी बढ़ाने की अपार संभावनाएं: रूपाला
By भाषा | Updated: December 24, 2021 18:41 IST2021-12-24T18:41:43+5:302021-12-24T18:41:43+5:30

आईवीएफ तकनीक से बछड़ों की आबादी बढ़ाने की अपार संभावनाएं: रूपाला
नयी दिल्ली, 24 दिसंबर केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने शुक्रवार को कहा कि आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक के माध्यम से आय बढ़ाने और बछड़ों को जन्म देने के एक स्थायी मॉडल तैयार करने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
मवेशी प्रजनक गर्भावस्था दर को अधिकतम करने के लिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) का उपयोग कर रहे हैं। यह दाता गायों से अंडाणुओं को लेते हुए अंडाणुओं को वीर्य के साथ निषेचित करके भ्रूण बनाने की प्रक्रिया है। फिर भ्रूण को किसी प्राप्तकर्ता या ‘सरोगेट’ गाय में प्रत्यारोपित किया जाता है।
पुणे में जेके ट्रस्ट बोवाजेनिक्स की अपनी यात्रा के दौरान, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री रूपाला ने दो साहीवाल गायों - सामधि और गौरी से मिले, जिन्होंने क्रमशः 100 और 125 बछड़ों को जन्म दिया है।
एक सरकारी बयान में मंत्री की यात्रा के दौरान उनके हवाले से कहा गया, ‘‘प्रत्येक बछड़ा एक लाख रुपये की कीमत पर बेचा गया था। इसलिए, मुझे बताया गया है कि इन दो गायों ने जेके बोवाजेनिक्स को एक साल में लगभग एक करोड़ रुपये की आय अर्जित कराई है।’’
बयान में कहा गया है कि उन्होंने राजस्व सृजन की अपार संभावनाओं और आईवीएफ तकनीक के माध्यम से बछड़ों के उत्पादन के एक स्थायी मॉडल तैयार करने के बारे में भी जानकारी दी।
जेके बोवाजेनिक्स पहला आईवीएफ केंद्र है जिसने देश में पहला आईवीएफ बन्नी बछड़ा पैदा किया है।
इस अवसर पर, मंत्री को डॉ. विजयपत सिंघानिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीज इन लाइवस्टॉक में साहीवाल नस्ल की गाय से अंडाणु निकालने का प्रत्यक्ष अनुभव भी हुआ।
जेके बोवाजेनिक्स जेके ट्रस्ट की एक पहल है। ट्रस्ट ने चुनिंदा स्वदेशी मवेशियों की नस्लों पर ध्यान देने के साथ आनुवंशिक रूप से उन्नत गायों और भैंसों की तादाद बढ़ाने के लिये आईवीएफ और ईटी प्रौद्योगिकी की शुरुआत की है।
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