अदालत ने मैट्रिक्स को सीमा-शुल्क विभाग के गोदाम से सामान हटाने की छूट नहीं दी
By भाषा | Updated: May 21, 2021 21:10 IST2021-05-21T21:10:41+5:302021-05-21T21:10:41+5:30

अदालत ने मैट्रिक्स को सीमा-शुल्क विभाग के गोदाम से सामान हटाने की छूट नहीं दी
नयी दिल्ली, 21 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मैट्रिक्स सेल्यूलर के कोविड-19 संबंधित आयात को सीमा शुल्क के गोदाम से हटाने और उसे पुलिस द्वारा निर्धारित किसी अन्य स्थान पर रखने की मंजूरी देने के आग्रह पर कोई आदेश देने मना कर दिया।
कंपनी का कहना है कि ऐसा नहीं करने पर उसे अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
कंपनी ने न्यायाधीश आशा मेनन के समक्ष याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। याचिका में कोविड-19 संक्रमण के इलाज में उपयोगी सामानों के आयात को लेकर पुलिस पर ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर या अन्य संबद्ध उत्पादों को जब्त किये जाने जैसे कोई दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है।
मैट्रिक्स ने अदालत से आग्रह किया कि उसे अपना सामान सीमा शुल्क विभाग के गोदाम से हटाने की अनुमति दी जाए। उसका आयातित सामान फिलहाल वहीं पड़ा है। कंपनी का कहना है कि ऐसा नहीं करने पर उसे उस अवधि के लिये शुल्क देना होगा, जबतक सामान सीमा शुल्क विभाग के पास पड़ा रहता है।
कंपनी ने कहा कि याचिका पर अंतिम फैसला आने तक वह पुलिस द्वारा निर्धारित किसी भी जगह पर सामान रखने को तैयार है।
पुलिस और केंद्र के अधिवक्ता के मामले पर सुनवाई अगले सप्ताह तक टाले जाने के आग्रह पर कंपनी ने उक्त अनुरोध किया।
अदालत ने कोई अंतरिम आदेश जारी किये बिना मामले की अगली सुनवाई के लिये 24 मई की तारीख तय की।
मैट्रिक्स ने अपनी याचिका में दावा किया है कि ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर का आयात पूरी तरह से वैध है और वह कारोबारी नवनीत कालरा के रेस्तरां में रखी गयी खेप का हिस्सा है। वह ‘कलेक्शन सेंटर’ है जहां से लोग उसे खरीद सकते हैं।
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