आर्थिक मंदी के बीच सरकार को एक और बड़ा झटका, देश का विदेशी कर्ज जून अंत तक बढ़कर 557.4 अरब डॉलर

By भाषा | Updated: October 1, 2019 05:08 IST2019-10-01T05:08:36+5:302019-10-01T05:08:36+5:30

विदेशी मुद्रा भंडार के अनुपात में लघु अवधि का ऋण जून अंत तक 25.5 प्रतिशत रह गया जो मार्च 2019 के अंत तक 26.3 प्रतिशत पर था।

The country's foreign debt increased to $ 557.4 billion by the end of June | आर्थिक मंदी के बीच सरकार को एक और बड़ा झटका, देश का विदेशी कर्ज जून अंत तक बढ़कर 557.4 अरब डॉलर

आर्थिक मंदी के बीच सरकार को एक और बड़ा झटका, देश का विदेशी कर्ज जून अंत तक बढ़कर 557.4 अरब डॉलर

देश का विदेशी कर्ज बढ़कर जून 2019 के अंत तक 557.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार मार्च 2019 को समाप्त तिमाही के बाद इसमें 14.1 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। रुपया एवं अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के कमजोर होने से इसके मूल्यांकन में 1.7 अरब डॉलर का मूल्यह्रास हुआ है। मूल्यांकन प्रभाव को यदि अलग कर दिया जाये तो मार्च 2019 के बाद जून 2019 अंत तक कुल विदेशी कर्ज में वृद्धि 14.1 अरब डॉलर के बजाय 12.4 अरब डॉलर ही होती।

रिजर्व बैंक की विज्ञप्ति के अनुसार कुल विदेशी कर्ज में सबसे अधिक 38.4 प्रतिशत हिस्सेदारी वाणिज्यिक (कंपनियों) ऋण की है। इसके बाद प्रवासियों के जमा की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत और लघु अवधि के व्यापार ऋण की हिस्सेदारी 18.7 प्रतिशत है। जून 2019 के अंत तक देश का दीर्घावधि विदेशी ऋण 447.7 अरब डॉलर रहा। यह मार्च 2019 के मुकाबले 12.8 अरब डॉलर अधिक है। वहीं जून अंत तक कुल विदेशी ऋण में लघु अवधि ऋण की हिस्सेदारी घटकर 19.7 प्रतिशत पर आ गयी जो मार्च 2019 के अंत तक 20 प्रतिशत थी।

विदेशी मुद्रा भंडार के अनुपात में लघु अवधि का ऋण जून अंत तक 25.5 प्रतिशत रह गया जो मार्च 2019 के अंत तक 26.3 प्रतिशत पर था। जून 2019 अंत तक सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्र दोनों का विदेशी ऋण बढ़ा है। देश के विदेशी ऋण में डॉलर नामित ऋण की हिस्सेदारी सर्वाधिक है। जून अंत तक इसकी हिस्सेदारी 51.5 प्रतिशत रही। इसके बाद रुपये में मिले विदेशी ऋण की हिस्सेदारी 34.7 प्रतिशत, येन की 5.1 प्रतिशत, विशेष आहरण अधिकार की 4.7 प्रतिशत और यूरो रिण कि भागीदारी 3.2 प्रतिशत रही।

Web Title: The country's foreign debt increased to $ 557.4 billion by the end of June

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे