सुजलान एनर्जी के चेयरमैन तुलसी तांती नहीं रहे, हार्ट अटैक से निधन, पीएम मोदी ने कुछ ऐसे किया उन्हें याद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 2, 2022 01:08 PM2022-10-02T13:08:49+5:302022-10-02T13:15:11+5:30
तुलसी तांती को नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र का दिग्गज कारोबारी माना जाता था। वे 64 साल के थे। कंपनी के अनुसार तांती शनिवार शाम को अहमदाबाद से पुणे अपने घर जा रहे थे, इसी दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया।
नयी दिल्ली: ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी सुजलान एनर्जी के संस्थापक चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक तुलसी तांती का हृदय गति रुकने से निधन हो गया है। वह 64 वर्ष के थे। कंपनी के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि तांती शनिवार शाम को अहमदाबाद से पुणे की यात्रा पर थे और उसी दौरान उनकी हृदय गति रुक गई। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर तांती के निधन पर शोक जताया है।
पीएम मोदी ने शोक जताते हुए ट्वीट किया, 'श्री तुलसी तांती एक अग्रणी बिजनेस लीडर थे जिन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान दिया और सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए हमारे देश के प्रयासों को मजबूत किया। उनके असमय निधन से आहत हूं। उसके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं। शांति।'
Shri Tulsi Tanti was a pioneering business leader who contributed to India’s economic progress and strengthened our nation’s efforts to further sustainable development. Pained by his untimely demise. Condolences to his family and friends. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2022
तुलसी तांती के परिवार में बेटी निधि और बेटा प्रणव हैं। कंपनी ने भी शेयर बाजारों को तांती के असामयिक निधन की सूचना दी है। कंपनी ने कहा, "इस मुश्किल समय में अनुभवी निदेशक मंडल और वरिष्ठ प्रबंधन टीम तांती की विरासत को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।"
सुजलान एनर्जी इस समय राइट्स इश्यू के जरिये 1,200 करोड़ रुपये का कोष जुटाने की तैयारियों में लगी हुई है। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि तांती राइट्स इश्यू से संबंधित मसलों पर कई बैठकों में हिस्सा लेने के बाद अहमदाबाद से पुणे स्थित अपने घर लौट रहे थे। उसी समय रास्ते में यह दुखद घटना घट गई।
1995 में सुजलान एनर्जी की स्थापना की
तांती को नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र का दिग्गज कारोबारी माना जाता था। उन्होंने वर्ष 1995 में सुजलान एनर्जी की स्थापना के साथ भारत में पवन ऊर्जा के क्षेत्र में कदम जमाए। इसके विस्तार के लिए उन्होंने एक नया कारोबारी मॉडल अपनाया जिसमें कंपनियों को हरित ऊर्जा विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था।
उनके मार्गदर्शन में सुजलान एनर्जी ने भारत के अलावा यूरोपीय बाजारों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। जर्मनी, नीदरलैंड्स, डेनमार्क में भी कंपनी के शोध एवं विकास केंद्र मौजूद हैं। भाषा प्रेम प्रेम प्रेम