चक्रवृद्धि ब्याज पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से सरकारी बैंकों को लगेगी 2,000 करोड़ रुपये की ‘चोट’

By भाषा | Updated: April 4, 2021 11:58 IST2021-04-04T11:58:00+5:302021-04-04T11:58:00+5:30

Supreme Court verdict on compound interest will hit Rs 2,000 crore for public sector banks | चक्रवृद्धि ब्याज पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से सरकारी बैंकों को लगेगी 2,000 करोड़ रुपये की ‘चोट’

चक्रवृद्धि ब्याज पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से सरकारी बैंकों को लगेगी 2,000 करोड़ रुपये की ‘चोट’

नयी दिल्ली, चार अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने हाल में कोविड-19 महामारी की वजह से मार्च-अगस्त, 2020 के दौरान कर्ज की किस्त के भुगतान पर छूट की अवधि के लिए सभी ऋण खातों पर चक्रवृद्धि ब्याज यानी ब्याज पर ब्याज को माफ कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 1,800 से 2,000 करोड़ रुपये का ‘नुकसान’ उठाना पड़ सकता है।

न्यायालय ने अपने फैसले के तहत दो करोड़ रुपये से अधिक के ऋण पर चक्रवृद्धि ब्याज में छूट दी है। इस राशि से कम के कर्ज पर पिछले साल नवंबर में ब्याज पर ब्याज को माफ किया गया था।

किस्त के भुगतान पर छूट के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज समर्थन योजना से सरकार पर 2020-21 में 5,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है।

बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में 60 प्रतिशत कर्जदारों ने इस छूट का लाभ उठाया था। लेकिन लॉकडाउन में छूट के बाद यह आंकड़ा 40 प्रतिशत और उससे भी नीचे आ गया था। कॉरपोरेट के मामले में जहां तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सवाल है, यह आंकड़ा 25 प्रतिशत के निचले स्तर पर है।

सूत्रों ने बताया कि बैंक किस्त के भुगतान की छूट की अवधि पर चक्रवृद्धि ब्याज में छूट देंगे। उदाहरण के लिए यदि किसी ग्राहक ने तीन महीने के लिए किस्त भुगतान की छूट ली है, तो तीन महीने के लिए उसका चक्रवृद्धि ब्याज माफ किया जाएगा।

रिजर्व बैंक ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से सभी मियादी ऋण पर एक मार्च से 31 मई, 2020 तक की किस्तों के भुगतान पर छूट दी थी। बाद में इस अवधि को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया था।

सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश सिर्फ उन खातों तक सीमित है जिन्होंने भुगतान की छूट का लाभ लिया है। ऐसे में मोटे अनुमान के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2,000 करोड़ रुपये से कम की चोट लगेगी।

इस बीच, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने सरकार को पत्र लिखकर बैंकों को ब्याज पर ब्याज छूट की भरपाई करने को कहा है। सरकार विभिन्न पहलुओं पर विचार के बाद इस पर फैसला करेगी।

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Web Title: Supreme Court verdict on compound interest will hit Rs 2,000 crore for public sector banks

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