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चीनी निर्यात 51.1 लाख टन तक पहुंचा, इंडोनेशिया को हुआ सबसे ज्यादा निर्यात: चीनी व्यापार संघ

By भाषा | Updated: August 12, 2021 19:33 IST

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नयी दिल्ली, 12 अगस्त चीनी मिलों ने, सितंबर में समाप्त हो रहे विपणन वर्ष 2020-21 में अब तक 51.1 लाख टन चीनी का निर्यात किया है, जिसमें सबसे अधिक निर्यात इंडोनेशिया को किया गया है। उद्योग निकाय एआईएसटीए ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी है।

एआईएसटीए ने कहा कि लगभग 2,02,521 टन चीनी लदान की प्रक्रिया में है। अतिरिक्त 6,78,237 टन चीनी बंदरगाह स्थित रिफाइनरियों को डिलीवरी के लिए रास्ते में है।

अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) ने एक बयान में कहा कि चीनी मिलों ने इस साल जनवरी में खाद्य मंत्रालय द्वारा सौंपे गए पूरे 60 लाख टन चीनी कोटे का निर्यात अनुबंध किया है।

इसके अलावा बिना सब्सिडी समर्थन के खुले सामान्य लाइसेंस के तहत अतिरिक्त 8,00,000 टन चीनी निर्यात का अनुबंध भी किया गया है।

चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।

एआईएसटीए के अनुसार, चीनी मिलों ने एक जनवरी से पांच अगस्त 2021 तक कुल 51.1 लाख टन चीनी का निर्यात किया है। किए गए कुल निर्यात में से, अब तक इंडोनेशिया को सबसे जयादा 16.9 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया है, इसके बाद अफगानिस्तान को 6,23,967 टन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को 4,60,816 टन और श्रीलंका को 3,78,280 टन चीनी का निर्यात किया गया।

एआईएसटीए ने कहा, ‘‘हमें यह कहते हुए गर्व है कि निर्यात की गई या निर्यात की प्रक्रिया के तहत आने वाले चीनी का मूल्य 2.5 अरब डॉलर या लगभग 18,600 करोड़ रुपये से अधिक है, जो विशेषकर महामारी से प्रभावित वर्ष में देश की निर्यात आय में योगदान देता है तथा किसानों को गन्ना मूल्य चुकाने के लिए चीनी मिलों के हाथ में नकदी का इजाफा करता है।’’

उद्योग संगठन ने कहा है, “वैश्विक बाजारों में बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच, ईरान को चीनी निर्यात करने के लिए कोई तरीका निकालना होगा। इससे भारत को अपने बाजार का विस्तार करने में मदद मिलेगी।’’

वर्तमान विपणन वर्ष समाप्त होने के साथ, एआईएसटीए ने कहा कि अगले वर्ष के लिए चीनी निर्यात नीति की समय पर घोषणा करने की तत्काल आवश्यकता है।

इसमें कहा गया है कि ब्राजील में मौसम की समस्याओं के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी का भाव 10 जुलाई को 17.28 सेंट प्रति पाउंड से बढ़कर 11 अगस्त 2021 को 19.59 सेंट प्रति पाउंड हो गया है, जो लगभग 13.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

एआईएसटीए ने सरकार से सब्सिडी के लंबित दावों का निपटान करने और कंटेनरों की कमी की समस्या को दूर करने तथा समुद्री माल ढुलाई में वृद्धि करने का भी अनुरोध किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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