कल भी जारी रहेगा बैंक कर्मचारियों का हड़ताल, सेवाएं प्रभावित, एटीएम हुए कैशलैश

By भाषा | Published: May 30, 2018 11:50 PM2018-05-30T23:50:38+5:302018-05-30T23:58:49+5:30

भारतीय बैंक संघ (आईबीए) द्वारा वेतन में 2 प्रतिशत वृद्धि की पेशकश के विरोध में बैंक कर्मचारी दो दिन की हड़ताल पर हैं।

Strike will continue tomorrow, services affected in banks | कल भी जारी रहेगा बैंक कर्मचारियों का हड़ताल, सेवाएं प्रभावित, एटीएम हुए कैशलैश

कल भी जारी रहेगा बैंक कर्मचारियों का हड़ताल, सेवाएं प्रभावित, एटीएम हुए कैशलैश

नई दिल्ली, 30 मई: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारियों की हड़ताल का आज देशभर में व्यापक तौर पर असर दिखा और बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) द्वारा वेतन में 2 प्रतिशत वृद्धि की पेशकश के विरोध में बैंक कर्मचारी दो दिन की हड़ताल पर हैं। बुधवार को  हड़ताल का पहला दिन था। पुरानी पीढ़ी वाले निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों के कर्मचारियों ने भी हड़ताल का समर्थन किया। यह कल भी जारी रहेगा। हालांकि , नई पीढ़ी के निजी बैंकों जैसे आईसीआईसीआई बैंक , एचडीएफसी बैंक , एक्सिस बैंक में कामकाज लगभग सामान्य रहा। यहां चेक निस्तारण समेत कुछ गतिविधियों में दिक्कत की खबरें आई हैं। 

हड़ताल के दौरान विभिन्न राज्यों से बैंकिंग कामकाज में दिक्कत की खबरें आई हैं। केरल , पश्चिम बंगाल , बिहार और झारखंड में अन्य राज्यों की तुलना में हड़ताल का असर अधिक दिखा। यूएफबीयू से जुड़े अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने बयान में कहा कि कम वेतन वृद्धि के प्रस्ताव के विरोध में 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, 13 पुराने पीढ़ी के निजी बैंकों, छह विदेशी बैंकों और 56 ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में काम करने वाले करीब 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहे।

हड़ताल के महीने के आखिर में पड़ने से बैंक शाखाओं से वेतन की निकासी प्रभावित होने और शाम तक कुछ एटीएम मशीनों के खाली होने की संभावना है। जमा , एफडी नवीकरण , सरकारी खजाने से संबंधित परिचालन और मुद्रा बाजार से जुड़े कामकाज प्रभावित हुए। रिजर्व बैंक ने एक अधिकारी ने कहा कि डिजिटल बैंकिंग से जुड़े कुछ कामों को आरटीजीएस जैसी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के माध्यम से किया गया लेकिन बैंकों के सर्वरों से जुड़ा कामकाज प्रभावित हुआ। अधिकारी ने कहा कि कुल परिचालन में डिजिटल बैंकिंग की हिस्सेदारी महज पांच प्रतिशत के आसपास है। आरबीआई के कर्मचारी संघ के एक नेता ने कहा कि केंद्रीय बैंक में कामकाज प्रभावित नहीं हुआ, हालांकि कर्मचारी यूनियनों ने हड़ताल का नैतिक समर्थन किया था। 

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सी. एच. वेंकटाचलम ने कहा, "बैंक और उनके कर्मचारी संघों के बीच कई दौर की वार्ताओं के विफल होने के बाद यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियंस (यूएफबीयू) ने प्रस्तावित दो प्रतिशत वेतन वृद्धि के विरोध में दो दिन की हड़ताल पर जाने का निर्णय किया, क्योंकि पिछली बार 15% की वेतन वृद्धि दी गई थी।" 

यूएफबीयू नौ बैंकों के कर्मचारी संघों का सम्मिलित संगठन है।अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) के संयुक्त महासचिव रविंद्र गुप्ता ने कहा, "इस तरह की वेतनवृद्धि का प्रस्ताव, एक तरह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों का अपमान है। हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था।" उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सरकार की मुद्रा योजना, जनधन योजना और नोटबंदी जैसी सभी योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करते हैं और बदले में उसके कर्मचारियों को सिर्फ दो प्रतिशत वेतन वृद्धि की पेशकश की जाती है। यह उन बैंक कर्मियों के साथ अन्याय है जो देश निर्माण में कठिन परिश्रम करते हैं।

देशभर में 21 सार्वजनिक बैंकों की करीब 85,000 शाखाएं हैं, जिसकी बैंकिंग कारोबार में करीब 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है।भारतीय स्टेट बैंक, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित अधिकांश बैंकों ने अपने ग्राहकों को हड़ताल के बारे में पहले से सूचना दे दी थी। वहीं, उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा कि सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से 20,000 करोड़ रुपये के ग्राहक लेनदेन प्रभावित हो सकते हैं। उसने बैंक कर्मचारी संघों के संयुक्त मोर्चे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) से हड़ताल वापस लेने की अपील की है। 

Web Title: Strike will continue tomorrow, services affected in banks

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