शेयर बाजार अपडेट: सेंसेक्स में 500 अंकों से अधिक की गिरावट, निफ्टी 9,200 से नीचे आया
By भाषा | Updated: April 24, 2020 11:11 IST2020-04-24T11:11:59+5:302020-04-24T11:11:59+5:30
दुनिया भर में आर्थिक नुकसान की आशंका गहराने के साथ ही निवेशकों की भावना एक बार फिर कमजोर हुई है।

लोकमत फाइल फोटो
प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 500 अंकों से अधिक गिरावट हुई। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच बैंकिंग और आईटी शेयरों में बिकवाली से घरेलू बाजार में कमजोरी आई। सेंसेक्स 31,278.27 के निचले स्तर तक आने के बाद 534.23 अंक या 1.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,328.85 पर कारोबार कर रहा था।
इसी तरह एनएसई निफ्टी 129.35 अंक या 1.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,184.55 पर था। सेंसेक्स में बजाज फाइनेंस में सबसे अधिक पांच प्रतिशत की कमी हुई, जिसके बाद आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, इंफोसिस और टीसीएस थे।
दूसरी ओर हीरो मोटोकॉर्प, सन फार्मा, एलएंडटी, ओएनजीसी और एचसीएल टेक में तेजी देखने को मिली। पिछले सत्र में सेंसेक्स 483.53 अंक या 1.54 प्रतिशत बढ़कर 31,863.08 पर और निफ्टी 126.60 अंक या 1.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 9,313.90 पर बंद हुआ था। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने गुरुवार को पूंजी बाजार में 114.58 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों को बेचा। कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों से नकारात्मक संकेत मिलने के कारण घरेलू बाजार में भी कमजोरी देखने को मिली।
वॉल स्ट्रीट पर तेजी खत्म होने के साथ ही एशियाई बाजार भी गिरे
वॉल स्ट्रीट पर तेजी खत्म होने के साथ ही एशियाई शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट हुई। सुधार की उम्मीद टूट जाने से शेयर बाजारों में फिर से दबाव देखने को मिल रहा है। जापान का प्रमुख सूचकांक निक्केई 225 सुबह के कारोबार में 0.8 प्रतिशत फिसलकर 19,270.04 पर था।
दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.7 प्रतिशत गिरकर 1,901.09 पर आ गया, जबकि ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी / एएसएक्स 200 0.4 प्रतिशत बढ़कर 5,239.50 पर पहुंच गया। हांगकांग का हैंग सेंग 0.5 प्रतिशत गिरकर 23,860.76 पर रहा, जबकि शंघाई कंपोजिट 0.5 प्रतिशत गिरकर 2,823.29 पर था। आईएनजी के अर्थशास्त्री प्रकाश सकपाल और निकोलस मापा ने बताया कि दुनिया भर में आर्थिक नुकसान की आशंका गहराने के साथ ही निवेशकों की भावना एक बार फिर कमजोर हुई है।