हाई-वे पर धूम्रपान का सेवन बढ़ा, जहरीली हुई हवा, शिक्षा पर खर्च के आंकड़ें चौंकाने वाले- NSSO
By आकाश चौरसिया | Published: March 3, 2024 02:00 PM2024-03-03T14:00:15+5:302024-03-03T14:02:58+5:30
पान, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की खपत दिनों-दिन बढ़ती जा रही है, लोग अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा ऐसे उत्पाद पर खर्च कर रहे हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है और लोगों को स्वास्थ में कई समस्या उत्पन्न हो रही है।
नई दिल्ली: पान, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की खपत दिनों-दिन बढ़ती जा रही है, लोग अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा ऐसे उत्पाद पर खर्च कर रहे हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है और लोगों को स्वास्थ में कई समस्या उत्पन्न हो रही है। यह आंकड़ा पिछले 10 साल में इकट्ठा किए गए एक सर्वे द्वारा जारी किया है। पिछले हफ्ते जारी घरेलू उपभोग खर्च होने वाले सर्वे 2022-23 के तहत पता चला है कि पान, तंबाकू और नशीले पदार्थों पर होने वाले खर्च शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ गया है।
सामने आए डेटा के अनुसार, 2022-23 में ग्रामीण इलाकों में लोगों ने 3.21 फीसद की तुलना में 2011-12 में 3.21 फीसदी खर्च किया है। शहरी क्षेत्रों में भी 2011-12 में 1.61 फीसद की तुलना में 2022-23 में 2.43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जबकि शिक्षा क्षेत्र में 2011-12 (6.90 फीसदी) के मुकाबले 2022-23 में 5.78 फीसदी हो गया है यानी की एक फीसदी की कमी शिक्षा पर खर्च करने को लेकर आई है।
घरेलू उपभोग व्यय का उद्देश्य
शिक्षा पर खर्च ग्रामीण क्षेत्रों में 2011-12 की तुलना में 2022-23 में कमी हुई, 2022-23 में 3.30 फीसदी शिक्षा पर खर्च किया, जबकि 2011-12 में 3.49 ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा पर खर्च किया। घरेलू उपभोग व्यय पर इस सर्वे का उद्देश्य प्रत्येक परिवार के मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय (एमपीसीई) के अनुमान और देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और कई सामाजिक-आर्थिक समूहों के लिए अलग-अलग वितरण को मापना है।
Per capita Monthly Household Consumption Expenditure more than doubled during 2011-12 to 2022-23
— Upsc Civil Services Exam (@UpscforAll) February 26, 2024
National Sample Survey Office (NSSO), conducted Household Consumption Expenditure Survey (HCES) during August 2022 to July 2023#UPSC#Datapic.twitter.com/14oSiPnykS
सर्वे में ये भी बात सामने आए कि शहरी क्षेत्रों में पेय पदार्थों और खाद्य वस्तुओं पर खर्च 2011-12 में 8.98 फीसदी से बढ़कर 2022-23 में 10.64 फीसदी हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेय पदार्थों के लिए 2011-12 में 7.90 फीसदी से बढ़कर 2022-23 में 9.62 फीसदी हो गया है। वहीं, शहरी क्षेत्रों में परिवहन के लिए भी 2011-12 में 6.52 फीसदी से बढ़कर 2022-23 में 8.59 फीसद हो गया है। लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह 2011-12 में 4.20 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 7.55 प्रतिशत हो गया।
सर्वे किस सरकारी एजेंसी ने करवाया..
आंकड़ों से पता चला कि ग्रामीण इलाकों में इन मदों पर खर्च 2011-12 के 3.21 फीसदी से बढ़कर 2022-23 में 3.79 फीसदी हो गया है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने अगस्त 2022 से जुलाई 2023 तक घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस) आयोजित किया।