सेबी ने SC से कहा: सभी तरह के कर्ज, अनुबंधात्मक सौदों की वसूली स्थगित नहीं की जा सकती

By भाषा | Published: June 11, 2020 01:31 AM2020-06-11T01:31:36+5:302020-06-11T01:31:36+5:30

देश में कोविड- 19 महामारी के प्रसार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य में देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था। इस दौरान रिजर्व बैंक ने बैंकों से कर्ज ले रखे लोगों को किस्त चुकाने से एक निश्चित अवधि के लिए छूट देने का सर्कुलर जारी किया।

SEBI To court: Recovery of all types of debt, contractual deals cannot be postponed | सेबी ने SC से कहा: सभी तरह के कर्ज, अनुबंधात्मक सौदों की वसूली स्थगित नहीं की जा सकती

रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियमन 2016 के तहत कई तरह के सांविधिक अनुपालनों में भी राहत देने को कहा गया। 

Highlightsसेबी ने उच्चतम न्यायालय से कहा कोविड- 19 महामारी का असर देश में करीब करीब सभी तरह के उद्योगों पर पड़ा हैसेबी के हलफनामे में कहा गया है, ‘‘कोविड- 19 महामारी के कारण केवल रीयल एस्टेट क्षेत्र ही नहीं बल्कि सभी उद्योगों पर इसका असर पड़ा है।

नयी दिल्ली: पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उच्चतम न्यायालय से कहा कोविड- 19 महामारी का असर देश में करीब करीब सभी तरह के उद्योगों पर पड़ा है, लेकिन सभी तरह के कर्ज और अनुबंधात्मक लेनदेन की वसूली स्थगित नहीं की जा सकती। सेबी ने हलफनामें में उच्चतम न्यायालय के सामने अपनी यह बात रखी है।

न्यायालय ने एक याचिका के संबंध में सेबी से उसकी राय पूछी थी। शीर्ष अदालत एक याचिका पर गौर कर रहा है जिसमें स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्या कर्ज की किस्ते चुकाने के संबंध में दी गयी अस्थायी मोहलत संबंधी रिजर्व बैंक का सर्कुलर गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर भी लागू होता है और क्या रीयल एस्टेट कंपनियां भी इसकी पात्र हैं।

देश में कोविड- 19 महामारी के प्रसार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य में देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था। इस दौरान रिजर्व बैंक ने बैंकों से कर्ज ले रखे लोगों को किस्त चुकाने से एक निश्चित अवधि के लिए छूट देने का सर्कुलर जारी किया। सेबी ने रीयल एस्टेट कंपनियों के एक संगठन द्वारा दायर की गई इस याचिका को खारिज करने का आग्रह करते हुये कहा कि यह ‘‘छद्म विवाद’’ दिखाई देता है जिसमें याचिकाकर्ता ने संगठन ने अपने खुद के सदस्यों से जुड़े मुद्दों को नहीं बल्कि एनबीएफसी और आवास वित्त कंपनियों की शिकायतों को उठाया है।

सेबी के हलफनामे में कहा गया है, ‘‘कोविड- 19 महामारी के कारण केवल रीयल एस्टेट क्षेत्र ही नहीं बल्कि सभी उद्योगों पर इसका असर पड़ा है। इसके परिणामस्वरूप यह नहीं हो सकता है कि सभी तरह के कर्ज और अनुबंधात्मक लेनदेन को रोक दिया जाये।’’ याचिकाकर्ता की इस सोच कि लॉकडाउन के दौरान रीयल एस्टेट क्षेत्र इससे काफी प्रभावित हुआ है, सेबी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान रीयल एस्टेट यउद्योग पर अपने ग्राहकों से धन प्राप्त करने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया।

इसमें कहा गया कि 13 मई को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने राज्य सरकारों को परामर्श जारी किया कि वह लॉकडाउन और महामारी की वजह से देरी वाली परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा का विस्तार करें। इसके साथ ही रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियमन 2016 के तहत कई तरह के सांविधिक अनुपालनों में भी राहत देने को कहा गया। 

Web Title: SEBI To court: Recovery of all types of debt, contractual deals cannot be postponed

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