हिंडनबर्ग के आरोपों पर SEBI प्रमुख माधबी बुच का पलटवार, कहा- 'यह चरित्र हनन का प्रयास'
By आकाश चौरसिया | Published: August 11, 2024 11:53 AM2024-08-11T11:53:35+5:302024-08-11T12:22:58+5:30
सेबी चेयरमैन माधबी बुच ने अमेरिकी बेस्ड शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उसने आरोप लगाया कि अडानी ग्रुप के द्वारा संचालित ऑफशोर सेलिंग में उनके और पति की भी हिस्सेदारी है।
नई दिल्ली: अमेरिका बेस्ड शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों पर अब सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने सफाई देते हुए कहा कि 'प्रवर्तन कार्रवाई' के जवाब में मेरे और पति की छवि धूमिल करना चाह रहे हैं। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन उसके जवाब में हिंडनबर्ग ने चरित्र ये विकल्प चुना है। गौरतलब है कि अमेरिकी बेस्ड फर्म ने बताया था कि अडानी समूह द्वारा संचालित ऑफशोर ऑपरेशन में सेबी प्रमुख और उनके पति की हिस्सेदारी है। और
अमेरिका स्थित कंपनी ने शनिवार को दावा किया कि दंपत्ति की अडानी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल की गई दोनों अज्ञात अपतटीय संस्थाओं में हिस्सेदारी थी।
New allegations from Hindenburg Research accuse Sebi Chief Madhabi Puri Buch of a conflict of interest in the Adani case.
— The Indian Express (@IndianExpress) August 11, 2024
Buch and her husband strongly deny these claims, calling them "baseless" and offering full transparency.
As political tensions rise, with demands for a… pic.twitter.com/h6AaRMirxU
दंपति की ओर से बयान जारी कर बताया गया कि हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार है और रिपोर्ट में फंसाने की ओर इशारा करता है।
दंपति की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उनकी जिंदगी और वित्तीय स्थिति पूरी तरह से एक खुली किताब की तरह है। पिछले कुछ वर्षों में आवश्यकतानुसार सभी खुलासे पहले ही सेबी को प्रस्तुत कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमें वित्तीय डॉक्यूमेंट सार्वजनिक करने में कोई हिचक नहीं है, इसमें वे भी शामिल हैं जो उस अवधि से संबंधित हैं जब हम पूरी तरह से निजी नागरिक थे, किसी भी और हर प्राधिकरण से जो उनकी तलाश कर सकता है। हालांकि, उन्होंने इसके संबंध में पूरी तरह से पारदर्शिता के बारे में खुलासा करने को लेकर वे बयान जारी कर रहे हैं।
ऑनशोर और ऑफशोर सेलिंग क्या है?
जब स्थानीय बाजार के भीतर करेंसी बेची जाती हैं, तो इसे ऑनशोर बाजार कहा जाता है। ऑनशोर बाजार को भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी जैसे बाजार नियामकों द्वारा नियंत्रित और मॉनिटर किया जाता है। लेकिन जब विदेशी करेंसी को विदेशी बाजार में आदान-प्रदान किया जा रहा है, तो यह ऑफशोर बाजार कहा जाता है।
अमेरिका बेस्ड फर्म का आरोप
हिंडनबर्ग ने अडानी बर्ग द्वारा संचालित किए गए ऑफशोर सेलिंग, उसमें सेबी का कोई हस्तक्षेप नहीं होना, जो एक बड़ी षड्यंत्र का हिस्से की ओर इंगित करता है। उन्होंने कहा कि इस रवैये को समूह के माधबी बुच के साथ कथित संबंधों से समझाया जा सकता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने सिंगापुर में 5 जून, 2015 में आईपीई प्लस फंड 1 अकाउंट ओपन किया, जिसकी जानकारी एक डॉक्यूमेंट के जरिए सामने आई। आईआईएफएल के प्रिंसिपल द्वारा हस्ताक्षरित धन की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत "वेतन" है और दंपति की कुल संपत्ति 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान लगाया।