रूस-यूक्रेन की जंग से कच्चे तेल की कीमतों में लगेगी आग, 16 मार्च से पहले 12 रुपये बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 6, 2022 02:17 PM2022-03-06T14:17:06+5:302022-03-06T14:18:15+5:30

ICICI सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले दो महीनों में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण सरकार के स्वामित्व वाली खुदरा तेल कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

russia ukraine war petrol and diesel prices will have to be increased by rs 12 | रूस-यूक्रेन की जंग से कच्चे तेल की कीमतों में लगेगी आग, 16 मार्च से पहले 12 रुपये बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

रूस-यूक्रेन की जंग से कच्चे तेल की कीमतों में लगेगी आग, 16 मार्च से पहले 12 रुपये बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

Highlightsलागत की भरपाई के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतें 12 रुपये प्रति लीटर बढ़ानी होंगी: रिपोर्ट3 मार्च तक खुदरा तेल कंपनियों का शुद्ध लाभ शून्य से नीचे 4.29 रुपये प्रति लीटर पहुंचा

Russia Ukraine War: भले ही यूक्रेन की धरती पर रूस-यूक्रेन के बीच जंग जारी हो, लेकिन इसका असर पूरी दुनिया में पड़ रहा है। यूक्रेन पर हमले के कारण रूस पर कई देशों ने तमाम तरह के कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। वैश्विक बाजार में इस युद्ध का असर देखने को मिल रहा है। कई देशों में शेयर मार्केट में गिरावट देखने को मिली है।

वहीं विश्व बाजार में कच्चे तेल के दाम में आग लगनी शुरू हो गई है। लगातार कच्चे तेल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। कई अर्थशास्त्रियों ने यह चेतावनी दी है कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद अब घरेलू बाजार में भी पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि देखने को मिल सकती है। इन चुनावों के कारण ही अब तक भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि नहीं हुई थी।

लेकिन अब 7 मार्च को चुनाव का अंतिम चरण है और 10 मार्च को नतीजे आएंगे। ऐसे में कभी भी तेल (ईंधन) के दाम बढ़ सकते हैं और महंगाई में वृद्धि संभव है। ICICI सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले दो महीनों में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण सरकार के स्वामित्व वाली खुदरा तेल कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

निजी बैंक के सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि घरेलू तेल कंपनियों को सिर्फ लागत की भरपाई के लिए 16 मार्च, 2022 या उससे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतें 12.1 रुपये प्रति लीटर बढ़ानी होंगी। 

बैंकिंग फर्म का कहना है अगर इसमें लाभ को भी जोड़ लें तो उन्हें 15.1 रुपये प्रति लीटर दाम बढ़ाने होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है, इसलिए घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल के दाम कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों से प्रभावित होते हैं। 

भारत में पिछले वर्ष दिवाली के बाद से अब तक घरेलू बाजार में तेल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं, इसकी एक महत्वपूर्ण वजह पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव भी थी। ऐसे में 3 मार्च 2022 तक खुदरा तेल कंपनियों का शुद्ध लाभ शून्य से नीचे 4.29 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए तो मौजूदा वैश्विक मूल्य पर इन कंपनियों का शुद्ध लाभ 16 मार्च तक शून्य से नीचे 10.1 रुपये और एक अप्रैल, 2022 तक 12.6 रुपये प्रति लीटर पहुंच सकता है। 

Web Title: russia ukraine war petrol and diesel prices will have to be increased by rs 12

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