मुंबई, सात मई रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि उन्हें विशेष तौर पर घोषित 50,000 करोड़ रुपये के नकद धन की सुविधा का के तहत मिलने के बाद 30 दिन के भीतर उससे स्वास्थ्य सेवायें देने वाली कंपनियों को कर्ज उपलब्ध कराना होगा।
रिजर्व बैंक ने इस सप्ताह के शुरू में कोविड- 19 की चुनौती को देखते हुये देश में स्वास्थ्य ढांचे और सेवाओं को मजबूत बनाने के लिये 50,000 करोड़ रुपये के कर्ज की शुरुआत की है। इसके तहत बैंक स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनियों को कर्ज देने के लिए केंद्रीय बैंक से मार्च 2022 तक रेपो दर पर उधार ले सकते हैं।
योजना के तहत बैंक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करने वाली तमाम कंपनियों को नया कर्ज उपलब्ध करा सकेगे। टीका विनिर्माता हों अथवा टीका के आयातक, आपूर्तिकर्ता हों। प्राथमिकता वाले चिकित्सा उपकरणों के आपूर्तिकर्ता हों, अस्पताल और डिस्पेंसरी, नैदानिक केन्द्र अथवा पैथालॉजी लैब सभी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
रिजर्व बैंक की इस सुविधा के तहत बैंक आक्सीजन और वेंटीलेटरों का विनिर्माण आपूर्तिकताओं, कोविड संबंधी टीका और दवाओं का आयात करने वाली कंपनियों, कोविड- संबंधी सामान के रखरखाव की सेवायें देने वालें और मरीजों को इलाज के लिये भी वित्तीय सुविधा उपलब्ध करा सकेंगे।
बहरहाल, रिजर्व बैंक ने कहा है कि इस खिड़की सुविधा के तहत बैंकों द्वारा ली जाने वाली राशि के एवज में योजना की परिपक्वता तक उस विशिष्ट वर्ग को रिण उपलब्ध कराते रहना होगा। इसके लिये बैंकों को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र की रिण सुविधा का लाभ मिलेगा। इस तरह के कर्ज को 31 मार्च 2022 तक प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र माना जायेगा। इस तरह के कर्ज को उनकी वापसी अथवा परिपक्वता अवधि तक जो भी पहले हो प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र का कर्ज माना जायेगा।
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