केंद्र सरकार को राहत, RBI ने उधार की सीमा बढ़ा कर दो लाख करोड़ किया, वित्त आयोग की बैठक 23- 24 अप्रैल को
By भाषा | Updated: April 20, 2020 21:07 IST2020-04-20T21:07:52+5:302020-04-20T21:07:52+5:30
लॉकडाउन के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को राहत दी है। नकदी की जरूरत के लिए उधार की सीमा बढ़ाकर दो लाख करोड़ कर दी है। इस बीच रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठकों की समयसारिणी सोमवार को जारी कर दी।

कोरोना वायरस से जूझ रही सरकारों के लिये बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों के बीच संसाधन जुटाने में मुश्किलें आ रही हैं। (file photo)
नई दिल्ली/मुंबईः रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिये केन्द्र सरकार को कामकाज के लिए तात्कालिक नकदी की जरूरत के लिए उधार की सीमा बढ़ा कर दो लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी फैलने से उत्पन्न स्थिति को देखते हुये भारत सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद यह तय किया गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर 2020) की शेष अवधि के खर्चों को पूरा करने के लिये अग्रिम राशि को 2,00,000 करोड़ रुपये किया जायेगा।
रिजर्व बैंक ने इससे पहले राज्यों के लिये भी उनकी खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिये अर्थोपाय रिण की सीमा को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है। कोरोना वायरस से जूझ रही सरकारों के लिये बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों के बीच संसाधन जुटाने में मुश्किलें आ रही हैं।
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठकों की समयसारिणी सोमवार को जारी कर दी। इसके मुताबिक वित्त वर्ष में मौद्रिक नीति समिति की पांच बैठकें होंगी। रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पहली बैठक तीन से पांच जून 2020 को होगी।
दूसरी बैठक चार से छह अगस्त, तीसरी बैठक 29, 30 सितंबर और एक अक्टूबर को, चौथी बैठक दो से चार दिसंबर 2020 को और पांचवीं बैठक तीन से पांच फरवरी 2021 को तय की गई है। इसमें कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45जैडआई (1) और (2) के मुताबिक रिजर्व बैंक को एक साल में मौद्रिक नीति समिति की कम से कम चार बैठकें करने की आवश्यकता है। इस दौरान वर्ष की पहली बैठक से कम से कम एक सप्ताह पहले उस साल की बैठकों का पूरा कार्यक्रम प्रकाशित कर दिया जाना चाहिये।
वित्त आयोग की सलाहकार परिषद की बैठक 23- 24 अप्रैल को
15वें वित्त आयोग की आर्थिक सलाहकार परिषद की बैठक 23- 24 अप्रैल को होगी। इस बैठक में कोविड- 19 महामारी का देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि पर पड़ने वाले असर और अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिये संभावित सार्वजनिक खर्च के बारे में विचार विमर्श किया जायेगा। वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह की अध्यक्षता में होने वाली दो दिवसीय यह बैठक वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी। इसमें चालू वित्त वर्ष और अगले साल के दौरान संभावित कर एवं राजस्व प्राप्ति पर विचार विमर्श किया जायेगा।
वित्त आयोग की इस सलाहकार परिषद का गठन अप्रैल 2018 में किया गया। परिषद का काम आयोग को उसकी संदर्भ शर्तों से जुड़े किसी भी मुद्दे पर सुझाव देना है। परिषद इसके साथ ही संबंधित विषय पर शोध पत्र और दस्तावेज तैयार करने में भी मदद करती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने जीडीपी वृद्धि के भारत के अपने अनुमान को संशोधित किया है। आईएमएफ ने 2020 में भारत की आर्थिक वृद्धि 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि इससे पहले जनवरी में उसने 5.8 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान जारी किया था। कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया के देशों में मंदी का साया मंडरा रहा है।