लक्ष्मी विलास बैंक पर RBI ने कसा शिकंजा, निकासी की अधिकतम सीमा 25 हजार, जानें इस संबंध में 10 अहम बातें
By अनुराग आनंद | Published: November 18, 2020 09:42 AM2020-11-18T09:42:54+5:302020-11-18T11:24:40+5:30
सिंगापुर की DBS नकदी संकट से घिरे लक्ष्मी विलास बैंक के प्रस्तावित विलय के लिए DBS Bank India में 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी।
मुंबई: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मंगलवार को घोषणा की है कि लक्ष्मी विलास बैंक को इस वर्ष के 16 दिसंबर तक केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा अधिस्थगन के तहत रखा गया है। पिछले तीन वर्षों में लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय स्थिति में "लगातार गिरावट" की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक के अनुरोध पर वित्त मंत्रालय ने यह फैसला लिया है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्तीय संकट से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने तक के लिये पाबंदियां लगा दी है। इसके तहत बैंक के खाताधारक ज्यादा से ज्यादा 25,000 रुपये तक की निकासी कर सकेंगे।
Supersession of the Board of Directors - Appointment of Administrator – The Lakshmi Vilas Bank Ltdhttps://t.co/x8Hc5SdFzj
— ReserveBankOfIndia (@RBI) November 17, 2020
आइए जानते हैं इस संबंध में 10 अहम और जरूरी बातें-
1. नरेंद्र मोदी सरकार ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण की योजना की भी घोषणा की। बैंक की खस्ता वित्तीय हालत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
2. इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है। साथ ही बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है।
प्रस्तावित विलय के लिए DBS Bank India में 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी। सरकार ने मंगलवार को लक्ष्मी विलास बैंक को 30 दिन के मोरेटोरियम के अंतर्गत रख दिया था।
3. रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल को भी हटा दिया है और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टीएन मनोहरन को 30 दिनों के लिये उसका प्रशासक नियुक्त किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। इसलिए बैकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 45 के तहत केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के बैंक पर पाबंदी लगायी है।
बयान में कहा गया है, ‘‘रिजर्व बैंक के परामर्श पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार ने आज (मंगलवार) से बैंक पर 30 दिन के लिए पाबंदियां लगायी हैं।’’
4. आदेश के मुताबिक लक्ष्मी विलास बैंक रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना बचत, चालू या किसी तरह के जमा खाते से किसी जमाकर्ता को कुल मिलाकर 25,000 रुपये से अधिक का भुगतान नहीं करेगा। इस बीच रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक के साथ विलय की मसौदा योजना भी सार्वजनिक की है।
5. आरबीआई ने यब भी कहा कि विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2,500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगायेगा। इसका वित्त पोषण पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से किया जायेगा।
6. यस बैंक के बाद इस साल मुश्किलों में फंसने वाला लक्ष्मी विलास बैंक निजी क्षेत्र का दूसरा बैंक बन गया है। यस बैंक के ऊपर मार्च में पाबंदियां लगायी गयी थीं। सरकार ने तब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मदद से यस बैंक को उबारा था। एसबीआई ने यस बैंक की 45 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 7,250 करोड़ रुपये लगाया था।
7. केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। इसलिए बैकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 45 के तहत केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के बैंक पर पाबंदी लगायी है। बयान में कहा गया है, ‘‘ रिजर्व बैंक के परामर्श पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार ने आज (मंगलवार) से बैंक पर 30 दिन के लिए पाबंदियां लगायी हैं।’’
8. आदेश के मुताबिक लक्ष्मीविलास बैंक रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना बचत, चालू या किसी तरह के जमा खाते से किसी जमाकर्ता को कुल मिलाकर 25,000 रुपये से अधिक का भुगतान नहीं करेगा। केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी. एन. मनोहरण को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है। इस बीच रिजर्व बैंक ने लक्ष्मीविलास बैंक के डीबीएस बैंक के साथ विलय की मसौदा योजना भी सार्वजनिक की है।
9. तमिलनाडु के करूर में 1926 में स्थापित, लक्ष्मी विलास बैंक ने 19 जून, 1958 को आरबीआई से अपना बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त किया। बैंक 11 अगस्त, 1958 को 'अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक' बन गया।
10. इस बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, लक्ष्मी विलास बैंक की 563 शाखाएं हैं, जिनमें सात वाणिज्यिक बैंकिंग शाखाएं और एक उपग्रह शाखा शामिल हैं। इसमें पांच एक्सटेंशन काउंटर और 974 एटीएम भी हैं। लक्ष्मी विलास बैंक का दावा है कि पूरे भारत में 16 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में उसकी मौजूदगी है।