RBI: अब चेक क्लियरिंग के लिए नहीं करना होगा इंतजार, कुछ ही घंटों में हो जाएगा काम; RBI इस डेट से कर रही नया सिस्टम पेश
By अंजली चौहान | Updated: August 14, 2025 12:32 IST2025-08-14T12:29:26+5:302025-08-14T12:32:06+5:30
RBI New Cheque Clearing System: नए नियम के तहत, चेक को व्यावसायिक घंटों के दौरान लगातार स्कैन, प्रस्तुत और क्लियर किया जाएगा, जिससे क्लियरिंग चक्र वर्तमान T+1 दिनों से घटकर कुछ घंटों का रह जाएगा।

RBI: अब चेक क्लियरिंग के लिए नहीं करना होगा इंतजार, कुछ ही घंटों में हो जाएगा काम; RBI इस डेट से कर रही नया सिस्टम पेश
RBI New Cheque Clearing System: भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को सुविधा के लिए चेक क्लियरिंग को लेकर एक नया सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है, जो 4 अक्टूबर, 2025 से लागू होगा। इस बदलाव का उद्देश्य चेक क्लियरेंस की प्रक्रिया को तेज और अधिक कुशल बनाना है। नए नियम के तहत, चेक को कार्य समय के दौरान लगातार स्कैन, प्रस्तुत और क्लियर किया जाएगा, जिससे क्लियरिंग चक्र वर्तमान T+1 दिनों से घटकर कुछ ही घंटों का रह जाएगा। यह बदलाव चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के तहत होगा, जो अब तक बैच प्रोसेसिंग पर काम करता था।
RBI के सर्कुलर के अनुसार, निरंतर क्लियरिंग और प्राप्ति पर निपटान नामक नई प्रणाली दो चरणों में लागू की जाएगी।
चरण 1 (4 अक्टूबर 2025 से 2 जनवरी 2026): इस दौरान, ड्रॉय बैंक (जिस बैंक पर चेक जारी किया गया है) को शाम 7 बजे तक चेक की पुष्टि करनी होगी (स्वीकार या अस्वीकार)। अगर वे ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो चेक को स्वतः ही स्वीकृत मान लिया जाएगा।
चरण 2 (3 जनवरी 2026 से): इस चरण में, प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा। चेक मिलने के बाद, बैंक को 3 घंटे के भीतर उसकी पुष्टि करनी होगी।
मुख्य बातें:
तेज क्लियरेंस: वर्तमान में चेक क्लियर होने में 2 कार्य दिवस तक का समय लग सकता है, लेकिन नए सिस्टम से यह काम कुछ ही घंटों में पूरा हो जाएगा।
सतत क्लियरिंग: यह नया सिस्टम 'कंटीन्यूअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट ऑन रियलाइजेशन' पर आधारित होगा। इसमें चेकों को बैच में प्रोसेस करने के बजाय, उन्हें पूरे व्यावसायिक घंटों के दौरान लगातार स्कैन, प्रस्तुत और क्लियर किया जाएगा।
फंड का क्रेडिट: क्लियरेंस पूरा होने के बाद, प्रस्तुत करने वाले बैंक को ग्राहकों के खाते में तुरंत, लेकिन सेटलमेंट के एक घंटे के भीतर, फंड जमा करना होगा।
CTS का उपयोग: यह बदलाव मौजूदा चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के तहत ही किया जा रहा है। CTS में फिजिकल चेक की आवाजाही को रोककर, उसकी इलेक्ट्रॉनिक इमेज और डेटा के आधार पर क्लियरिंग की जाती है।
गौरतलब है कि यह नया सिस्टम ग्राहकों के लिए एक बड़ा सुधार है, क्योंकि इससे उन्हें जल्द से जल्द फंड मिल पाएगा और चेक से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी आने की उम्मीद है।
इसके अलावा, RBI ने पहले ही पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) लागू किया है, जिसमें ₹50,000 या उससे अधिक के चेक जारी करते समय, खाताधारक को अपने बैंक को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी (जैसे चेक नंबर, राशि, और लाभार्थी का नाम) देनी होती है। यह भी चेक से होने वाली धोखाधड़ी को रोकने का एक प्रभावी तरीका है।