मौद्रिक नीति समीक्षाः नहीं बढ़ेगी कर्ज की मासिक किस्त, मुद्रास्फीति अनुमान को बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया, यहां जानें 16 मुख्य बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 10, 2023 13:05 IST2023-08-10T13:04:34+5:302023-08-10T13:05:43+5:30

RBI MPC Updates: गवर्नर ने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य के दायरे में लाने और आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के मकसद से मौद्रिक नीति में उदार रुख को वापस लेने पर अपना ध्यान बनाए रखेगी।

RBI MPC Reserve Bank retains repo rate at 6-5 percent monthly loan installment will not increase Inflation forecast raised to 5-4 percent key 16 points | मौद्रिक नीति समीक्षाः नहीं बढ़ेगी कर्ज की मासिक किस्त, मुद्रास्फीति अनुमान को बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया, यहां जानें 16 मुख्य बातें

file photo

Highlightsखुदरा मुद्रास्फीति मई 2023 में 4.3 प्रतिशत तक आने के बाद जून में बढ़ी है।सब्जियों की कीमतों में तेजी के साथ जुलाई-अगस्त में इसके और बढ़ने की आशंका है।खाद्य वस्तुओं के दाम के साथ महंगाई के उभरते रुख पर नजर रखने की जरूरत है।

RBI MPC Updates: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती खुदरा महंगाई को काबू में रखने के साथ अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से बृहस्पतिवार को लगातार तीसरी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि मकान, वाहन समेत अन्य कर्ज पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा।

इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। वहीं चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एमपीसी ने मौजूदा परिस्थितियों पर गौर करते हुए आम सहमति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का फैसला किया।’’

रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इसके साथ, स्थायी जमा सुविधा 6.25 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर बनी रहेगी।

मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-

* रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार।

* उदार नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान जारी रहेगा।

* वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार।

* मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत किया गया।

* टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों में उछाल से निकट भविष्य में मुद्रास्फीति पर दबाव।

* नई फसल की आवक से सब्जियों की कीमतों में सुधार की उम्मीद।

* आरबीआई ईएमआई-आधारित फ्लोटिंग ब्याज दरों को नए सिरे से निश्चित करने में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।

* कर्ज लेने वालों को निश्चित ब्याज दर का विकल्प चुनने की अनुमति दी जाएगी।

* यूपीआई भुगतान में कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल का प्रस्ताव दिया।

* यूपीआई-लाइट में ऑफलाइन भुगतान में ‘नियर फील्ड कम्युनिकेशन’ (एनएफसी) तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

* यूपीआई लाइट में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए एक बार में भुगतान करने की सीमा को 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव।

* बैंकिंग प्रणाली में 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने सहित विभिन्न कारकों से उत्पन्न अधिशेष तरलता को सोखने के उपाय की घोषणा की गई।

* नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4.5 प्रतिशत पर कायम।

* चालू वित्त वर्ष के दौरान चालू खाता घाटा पूरी तरह प्रबंधन के दायरे में।

* 2023-24 में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेश प्रवाह में उछाल बना हुआ है। आठ अगस्त तक शुद्ध एफपीआई प्रवाह 20.1 अरब डॉलर पर। 2014-15 के बाद सबसे ऊंच स्तर पर।

* अप्रैल-मई 2023 के दौरान शुद्ध एफडीआई गिरकर 5.5 अरब डॉलर पर, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 10.6 अरब डॉलर था।

* मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 4-6 अक्टूबर को होगी। 

Web Title: RBI MPC Reserve Bank retains repo rate at 6-5 percent monthly loan installment will not increase Inflation forecast raised to 5-4 percent key 16 points

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे