RBI Monetary Policy 2024: जल्द ही मिलेगा तोहफा, यूपीआई के जरिये नकदी जमा कीजिए, जानें 15 मुख्य बातें
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 5, 2024 11:03 AM2024-04-05T11:03:58+5:302024-04-05T11:10:17+5:30
RBI Monetary Policy 2024: आरबीआई सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी सुगम बनाने के लिए मोबाइल ऐप पेश करेगा। भारत, विदेशों से भेजे जाने वाले धन प्रेषण (मनी ऑर्डर) के मामले में अगुवा बना हुआ है।

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RBI Monetary Policy 2024: मौद्रिक नीति निर्णयों पर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि स्थायी जमा सुविधा दर 6.25% पर है और सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 6.75% पर है। रिजर्व बैंक ने पॉलिसी रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया गया है। आरबीआई का यूपीआई के जरिये नकदी जमा करने की सुविधा देने का प्रस्ताव है। आरबीआई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में सरकारी हरित बॉन्ड में कारोबार के लिए जल्दी ही योजना अधिसूचित करेगा। आरबीआई सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी सुगम बनाने के लिए मोबाइल ऐप पेश करेगा। भारत, विदेशों से भेजे जाने वाले धन प्रेषण (मनी ऑर्डर) के मामले में अगुवा बना हुआ है।
#WATCH | On monetary policy decisions, RBI Governor Shaktikanta Das says, "The Reserve Bank decided to keep the Policy Repo Rate unchanged at 6.5%" pic.twitter.com/fKpkAaK8Q9
— ANI (@ANI) April 5, 2024
द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की 15 मुख्य बातेंः
1ः आरबीआई महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों से निपटने और जरूरी कदम उठाने के लिए बेहतर स्थिति में है
2ः रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा
3ः एमपीसी उदार रुख को वापस लेने के फैसले पर कायम
4ः वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव, व्यापारिक मार्ग पर बाधाओं से चिंता बनी हुई है
5ः आरबीआई का मौद्रिक नीति समिति ने 5:1 बहुमत से नीतिगत दर पर निर्णय लिया
6ः एमपीसी मुद्रास्फीति को आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहेगी
7ः वैश्विक ऋण से जीडीपी अनुपात ऊंचा बना हुआ है। इसका असर उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ सकता है
8ः ग्रामीण मांग रफ्तार पकड़ रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में उपभोग से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा
9ः फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ा, एमपीसी मुद्रास्फीति के जोखिम के प्रति सतर्क
10ः वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान
11ः मुद्रास्फीति का दबाव कम होने, विनिर्माण, सेवा क्षेत्रों में निरंतर गति से निजी निवेश को बढ़ावा मिलना चाहिए
12ः वैश्विक वृद्धि जुझारू बनी हुई है, कच्चे तेल की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है
13ः भूराजनीतिक तनाव लगातार जारी रहने से जिंस कीमतों के ऊपर जाने का जोखिम
14ः भारतीय रुपया अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा की तुलना में काफी हद तक एक दायरे में। 2023 में इसमें सबसे कम अस्थिरता देखी गई
15ः हमारा प्रयास स्थायी आधार पर मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करना है।
चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि बैंकों, एनबीएफसी, अन्य वित्तीय संस्थानों को कामकाज के संचालन को सर्वोच्च प्राथमिकता देना जारी रखना चाहिए। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 29 मार्च को समाप्त सप्ताह में रिकॉर्ड 645.6 अरब डॉलर पर पहुंचा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के अनुमान को सात प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह 2023-24 के लिए 7.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है। आरबीआई ने अपनी फरवरी की मौद्रिक नीति में एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
#WATCH | On monetary policy decisions, RBI Governor Shaktikanta Das says, "...The Standing Deposit Facility rate remains at 6.25% and the Marginal Standing Facility rate and Bank Rate remain at 6.75%." pic.twitter.com/HH8F6HOQOZ
— ANI (@ANI) April 5, 2024
चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि ग्रामीण मांग गति पकड़ रही है और विनिर्माण क्षेत्र में निरंतर वृद्धि से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक व्यापार मार्ग में व्यवधान से कुछ दिक्कतें आ सकती हैं।
#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says, "...Growth has continued to sustain its momentum, surpassing all projections. Headline inflation has eased to 5.1% during both January and February, and this has come down to 5.1% in these two months from the earlier peak of 5.7% in the… pic.twitter.com/1GtEZ4wahU
— ANI (@ANI) April 5, 2024
दास ने कहा कि देश की सकल घरेलू उत्पाद की वास्तविक वृद्धि दर 2024-25 में सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत, सितंबर तिमाही में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इससे पहले इसी सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि रिजर्व बैंक को वृद्धि को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ देते हुए भरोसे और स्थिरता पर ध्यान देना चाहिए।
#WATCH | RBI Governor Shaktikanta Das says, "...India presents a different picture on account of its fiscal consolidation and faster GDP growth. Turning to domestic growth, domestic economic activity continues to expand at an accelerated pace, supported by fixed investment and an… pic.twitter.com/DYcFKQ5GRF
— ANI (@ANI) April 5, 2024