आरबीआई ने ग्राहकों को दी राहत, ऋण चूक पर दंडात्मक शुल्क को मूलधन में नहीं जोड़ पाएंगे बैंक, जानें क्या होगा असर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 12, 2023 10:15 PM2023-04-12T22:15:09+5:302023-04-12T22:16:04+5:30
केंद्रीय बैंक के इस कदम से ऋण चूक की स्थिति में ग्राहकों पर लगने वाले अतिरिक्त ब्याज को रोकने में मदद मिलेगी।
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि बैंक ऋण चूक पर लगाए गए दंडात्मक शुल्क का पूंजीकरण नहीं कर सकेंगे। इसका मतलब है कि इस शुल्क को अलग से वसूला जाएगा और इसे बकाया मूलधन में जोड़ा नहीं जाएगा। केंद्रीय बैंक के इस कदम से ऋण चूक की स्थिति में ग्राहकों पर लगने वाले अतिरिक्त ब्याज को रोकने में मदद मिलेगी।
आरबीआई ने 'निष्पक्ष उधारी गतिविधियां - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क' पर अपने मसौदा परिपत्र में कहा कि दंडात्मक शुल्क की मात्रा चूक/ऋण समझौते के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का एक सीमा तक पालन न करने के अनुपात में होनी चाहिए। आरबीआई के मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत कर्जदाताओं के पास दंडात्मक शुल्क की वसूली के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति को लागू करने की आजादी है।
केंद्रीय बैंक ने अब इन गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने के लिए मसौदा जारी किया है। मसौदे में कहा गया है कि दंडात्मक शुल्क लगाने का मकसद कर्ज लेने वालों के बीच ऋण अनुशासन की भावना पैदा करना और ऋणदाता को उचित मुआवजा दिलाना है। इसमें आगे कहा गया कि दंडात्मक शुल्क, अनुबंधित ब्याज दर के अतिरिक्त कमाई करने का साधन नहीं है।