आरबीआई ने ईशा अंबानी समेत हितेश, अंशुमान की नियुक्ति पर लगाई मुहर, अब इस निदेशक मंडल का होंगे तीनों हिस्सा
By आकाश चौरसिया | Published: November 16, 2023 05:42 PM2023-11-16T17:42:02+5:302023-11-16T17:51:37+5:30
आरबीआई के 15 नवंबर को जारी हुए पत्र में ईशा, अंशुमान ठाकुर, हितेश कुमार सेथिया का नाम शामिल था। इस बात की जानकारी खुद जियो फानिसेंयिल सर्विस ने बयान जारी कर दी है।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने रिलायंस इंडस्ट्री की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड में ईशा अंबानी समेत दो को निदेशक मंडल में नियुक्ति की अनुमति दी। आरबीआई के 15 नवंबर को जारी हुए पत्र में ईशा, अंशुमान ठाकुर, हितेश कुमार सेथिया का नाम शामिल था। इस बात की जानकारी खुद जियो फाइनेंशियल सर्विस ने बयान जारी कर दी है।
वहीं, आरबीआई ने कंपनी को निर्देशित करते हुए कहा कि जब भी मैनेजमेंट में बदलाव हो जाए, तब कंपनी की प्रोफाइल में इसे अपडेट करें। आरबीआई पत्र के मुताबिक, यह अनुमति अगले छह महीने तक ही वैध रहेगी। अगर कंपनी इस समय सीमा के भीतर प्रस्ताव को प्रभावी करने में विफल रहती है, तो उसे पहले अवसर पर परिवर्तन को प्रभावी करने में विफल रहने के कारणों के साथ फिर से आवेदन करना होगा।
शेयरधारकों ने अक्टूबर, 2023 में अनुमति दे दी थी
आरबीआई से पहले जियो फाइनेंशियल सर्विस के शेयरधारकों ने अक्टूबर, 2023 में ही इस गैर-कार्यकारी निदेशक मंडल को अनुमति दे दी थी। पिछले कई सालों से डिजिटल सर्विस, खुदरा, ऊर्जी व्यवसाय ईशा, आकाश और अनंत अंबानी इस कंपनी में अहम भूमिका में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इसके अलावा तीनों ही रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड के बोर्ड सदस्य में शामिल हैं।
ईशा अंबानी रिलायंस रिटेल के विस्तार को नई कैटेगरी, भौगोलिक क्षेत्रों और प्रारूपों में भी चला रही हैं। साथ ही ग्राहकों की फेहरिस्त को बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं। रिलायंस रिटेल की खाद्य, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन रिटेल में मौजूदगी है और यह पहुंच, पैमाने, राजस्व और लाभप्रदता के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा रिटेलर है।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी), जो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की अलग इकाई है। एनबीएफसी ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ₹668.18 करोड़ का मुनाफा कमाया, जो कि पहली तिमाही से ₹331.92 करोड़ से 101.3% अधिक है। मुकेश अंबानी की कंपनी के कुल राजस्व 48% बढ़कर ₹608 करोड़ हो गया, जिसमें ₹217 करोड़ की लाभांश आय से सहायता मिली। इसका कुल खर्च 32.7% बढ़कर ₹71.43 करोड़ हो गया, जबकि पिछली तिमाही में यह ₹53.81 करोड़ था।