जयपुरः राजस्थान सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के तहत दी जाने वाली मासिक पेंशन बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिससे राज्य सरकार पर 2222.70 करोड़ रुपये का प्रतिवर्ष अतिरिक्त भार आएगा।
एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री गहलोत ने मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए सामाजिक सुरक्षा के तहत दी जाने वाली मासिक पेंशन राशि में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। वर्तमान में देय 500-750 रुपये प्रतिमाह पेंशन राशि अब न्यूनतम 1000 रुपये प्रतिमाह मिलेगी। बयान के अनुसार, इस स्वीकृति से पेंशनधारियों को आर्थिक सम्बल मिलेगा।
वृद्धावस्था, एकलनारी, विशेष योग्यजन, लघु एवं सीमांत कृषक पेंशन में पात्र आवेदकों को बढ़ी हुई पेंशन राशि मई माह से मिलेगी, जो कि एक जून 2023 को देय होगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में पेंशन दरों में वृद्धि से अब राज्य सरकार पर प्रतिमाह 185 करोड़ रुपये और प्रतिवर्ष 2222.70 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा। अभी प्रतिमाह लगभग 700 करोड़ रुपये व्यय होते हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर एक हजार रुपये प्रतिमाह किए जाने की घोषणा की गई थी।
राजस्थान में स्टार्टअप को अब 25 लाख रुपये तक के काम बिना टेंडर मिल सकेंगे
राजस्थान में अब स्टार्टअप कंपनियों को 25 लाख रुपये तक का काम बिना टेंडर मिल सकेगा। राज्य सरकार ने बिना टेंडर खरीद की सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी है। एक सरकारी बयान के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं।
इसी क्रम में अब सरकार ने स्टार्टअप से बिना टेंडर खरीद सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्टार्टअप कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता (आरटीपीपी) नियम-2013 में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
राजस्थान स्टार्टअप नीति, 2022 में स्टार्टअप को एक वित्त वर्ष में दिये जाने वाले कार्यादेशों (वर्क ऑर्डर) की संख्या को बढ़ाकर अधिकतम छह किया गया है। इसके अलावा महिला, विशेष योग्यजन, ट्रान्सजेंडर, अनुसूचित जाति एवं जनजाति की स्टार्टअप कंपनियों को एक कार्यादेश अतिरिक्त मिल सकेगा। अब तक स्टार्टअप को अधिकतम तीन कार्यादेश ही मिलते थे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में स्टार्टअप से बिना टेंडर उपापन की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की घोषणा की थी।