दो बैंकों के विलय के बाद PNB ने कहा- बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं
By भाषा | Updated: February 11, 2020 20:13 IST2020-02-11T20:13:19+5:302020-02-11T20:13:19+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का एक दूसरे में विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी। ओबीसी और यूबीआई बैंक का पीएनबी में विलय करने का फैसला किया गया।

पंजाब नेशनल बैंक (फाइल फोटो)
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने मंगलवार को कहा कि दो अन्य बैंकों के विलय के बाद बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स (ओबीसी) और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया (यूबीआई) के विलय का फैसला किया है।
पीएनबी की तरफ से यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब यूबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार विलय के बाद बनने वाले नये बैंक का नया नाम और चिन्ह घोषित कर सकती है। तीनों बैंकों का विलय एक अप्रैल 2020 से अस्तित्व में आ जायेगा। पीएनबी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पंजाब नेशनल बैंक यह स्पष्ट करता है कि बैंक का नाम बदलने का कोई पस्ताव नहीं है।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का एक दूसरे में विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी। ओबीसी और यूबीआई बैंक का पीएनबी में विलय करने का फैसला किया गया। इस विलय के बाद पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा बड़ा बैंक बन जायेगा। इसके अलावा सिंडीकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक के साथ और इसी प्रकार आंध्र बैंक और कारपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक आफ इंडिया के साथ विलय करने की घोषणा की गई।
ओबीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार जैन ने कहा कि ओबीसी, यूबीआई और पीएनबी का प्रस्तावित विलय समानता के आधार पर होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि तीनों बैंकों के विलय के बाद बनने वाले बैंक का नाम या तो तीनों बैंकों के अलग होना चाहिये अथवा यह नाम तीनों की पुरानी पहचान को बरकरार रखते हुये रखा जाना चाहिये। इससे नये नाम में तीनों की समान भागीदारी का एहसास होगा।’’
इससे पहले इस तरह का विलय विजय बैंक और देना बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में हो चुका है जहां विलय के बाद सबसे बड़े बैंक आफ बड़ौदा के नाम पर ही नये बैंक का नाम रखा गया।