होली से पहले कर्मचारियों को तगड़ा झटका, PF पर ब्याज दर 8.5% से घटाकर की गई 8.1 फीसदी, 6 करोड़ कर्मचारी होंगे प्रभावित
By अनिल शर्मा | Published: March 12, 2022 01:24 PM2022-03-12T13:24:42+5:302022-03-12T13:57:08+5:30
श्रम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.5 फीसदी से 8.1 फीसदी तय की है। यह 1977-78 के बाद से सबसे कम दर है, जब यह 8 प्रतिशत थी।
नई दिल्लीः होली के त्योहार से पहले सरकार ने कर्मचारियों को तगड़ा झटका दिया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.5 से घटाकर 8.1 फीसदी निर्धारित कर दी है। श्रम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.5 फीसदी से 8.1 फीसदी तय की है। यह पिछले 40 सालों (1977-78 से अब तक) की सबसे कम ईपीएफ ब्याज दर है, जब यह 8 प्रतिशत थी। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था। यह COVID-19 महामारी के मद्देनजर नौकरी छूटने के कारण उच्च निकासी और कम योगदान के बावजूद था।
गौरतलब है कि ईपीएफओ की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की शनिवार को बैठक हुई जिसमें 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर 8.1 फीसदी रखने का फैसला लिया गया।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.5 रखने का निर्णय मार्च 2021 में लिया था। इसे अक्टूबर 2021 में वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। अब सीबीटी के हालिया फैसले के बाद 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर की सूचना वित्त मंत्रालय को अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी।
मार्च 2020 में ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर सात साल में सबसे कम 8.5 फीसदी करने का फैसला किया था, जो 2018-19 में 8.65 फीसदी थी। मोदी सरकार के इस फैसले के देश के करीब 6 करोड़ कर्मचारियों को तगड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा।