प्रधानमंत्री करेंगे नवीकरणीय ऊर्जा पर तीसरे वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन
By भाषा | Published: November 19, 2020 07:53 PM2020-11-19T19:53:54+5:302020-11-19T19:53:54+5:30
नयी दिल्ली, 19 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेश सम्मेलन और प्रदर्शनी का 26 नवंबर को उद्घाटन करेंगे। भारत में स्वच्छ ऊर्जा में निवेश के लिये निवेशकों को आकर्षित करने के इरादे से सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
भारत ने 2022 तक 1,75,000 तथा 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवकीरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है।
पिछले छह साल के दौरान स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में भारत निवेश के लिहाज से एक तरजीही गंतव्य रहा है और इस दौरान 4.7 लाख करोड़ रुपये के निवेश हुए।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 नवंबर को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये तीसरे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेश सम्मेलन और प्रदर्शनी (री-इनवेस्ट 2020) का उद्घाटन करेंगे।’’
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि तीसरा री-इनवेस्ट 2015 और 2018 में आयोजित पहले दो बैठकों की सफलता पर आधारित होगा और ऊर्जा संरक्षण में निवेश के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा
यह वैश्विक समुदाय को भारत की अपनी ऊर्जा जरूरतों को सतत तरीके ये पूरा करने को लेकर स्वच्छ ऊर्जा के विकास और क्षमता बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता का संकेत भी देगा।
री-इनवेस्ट 2020 के तहत दो दिवसीय ‘ऑनलाइन’ सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें भविष्य के ऊर्जा विकल्पों पर गहनता के साथ चर्चा होगी। साथ ही स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विनिर्माताओं, डेवलपरों, निवेशकों और नवप्रवर्तकों की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।
यह कार्यक्रम विभिन्न देशों, राज्यों, औद्योगिक घरानों और संगठनों को अपनी रणनीतियों, उपलब्धियों को दिखाने का अवसर प्रदान करेगा।
भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा बाजार है। ऐसे में यह सम्मेलन महत्वपूर्ण पक्षों के बीच गठजोड़ और सहयोग को सुगम बनाएगा।
सम्मेलन में विभिन्न देशों से मंत्री स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों, वैश्विक उद्योग क्षेत्र के दिग्गजों तथा बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है।
इसमें देश केंद्रित छह सत्र, 20 से अधिक पूर्ण तथा तकनीकी सत्र एवं एक विशेश मुख्यमंत्री स्तरीय पूर्ण सत्र आयोजित किये जाएंगे।
मंत्रालय के अनुसार ब्रिटेन के व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति मामलों के मंत्री तथा सीओपी-26 (जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) के अध्यक्ष तथा डेनमार्क के ऊर्जा, उपयोगी सेवाओं और जलवायु मामलों के मंत्री उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे।
सम्मेलन के दौरान करीब 80 अंतरराष्ट्रीय वक्ता समेत कुल 200 लोग विभिन्न सत्रों में अपने विचार रखेंगे। इसमें 100 से अधिक कंपनियां प्रदर्शनी में शामिल होंगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले छह साल के दौरान भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता ढाई गुना बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा क्षमता में 13 गुना की वृद्धि हुई है। वहीं बिजली उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा संसाधनों की हिस्सेदारी बढ़कर 1,36,000 मेगावाट हो गयी है जो कुल क्षमता का करीब 36 प्रतिशत है।
सिंह ने कहा कि 2022 तक यह हिस्सेदारी बढ़कर 2,20,000 मेगावाट हो जाएगी।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण बाधाएं उत्पन्न हुई लेकिन नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र उल्लेखनीय रूप से पटरी पर आया। नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिये बोली की गति ‘लॉकडाउन’ के बाद से पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले तेज है।’’
मंत्री ने कहा कि पिछले छह साल में भारत में 4.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया और यह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिहाज से एक पसंदीदा गंतय बन गया है।
री-इनवेस्ट के भागीदार देश आस्ट्रेलिया, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, मालदीव, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ तथा अमेरिकी एजेंसियां हैं।
वहीं भागीदार राज्य गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु हैं।
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