आम आदमी पर कहर बरपा रही महंगाई सब्जियों की कीमत आसमान पर, थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 2.59%

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 15, 2020 04:43 AM2020-01-15T04:43:40+5:302020-01-15T04:43:40+5:30

पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में संकलित मुद्रास्फीति 2.92 प्रतिशत थी. इससे पहले, सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 7.35 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसका पांच साल का उच्चस्तर है.

Price rise in prices of vegetables, havoc on common man, wholesale inflation rises to 2.59% | आम आदमी पर कहर बरपा रही महंगाई सब्जियों की कीमत आसमान पर, थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 2.59%

दिसंबर, 2018 में यह 3.46 प्रतिशत के स्तर पर थी.

Highlightsदिसंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंच गई है. नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 0.58 प्रतिशत पर थी.

आम आदमी पर महंगाई कहर बनकर टूट पड़ी है. बाजार में सब्जियों के दाम ग्राहकों को रुला रहे हैं और गृहिणियों का रसोई का बजट भी लगातार गड़बड़ाता जा रहा है. प्याज और आलू जैसी सब्जियां महंगी होने के कारण दिसंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 0.58 प्रतिशत पर थी. दिसंबर, 2018 में यह 3.46 प्रतिशत के स्तर पर थी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार कार्यालय की ओर से आज जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक वित्त वर्ष में थोक मुद्रास्फीति औसतन 2.42 प्रतिशत तक चढ़ी है.

इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में संकलित मुद्रास्फीति 2.92 प्रतिशत थी. इससे पहले, सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 7.35 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसका पांच साल का उच्चस्तर है.

बेतहाशा बढ़ रहे दाम दिसंबर में खाद्य वस्तुओं के दाम 13.12 प्रतिशत बढ़े हैं. एक महीने पहले यानी नवंबर में इनमें 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. इसी तरह गैर खाद्य उत्पादों के दाम चार गुना होकर 7.72 प्रतिशत पर पहुंच गए. आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं में माह के दौरान सब्जियां सबसे अधिक 69.69 प्रतिशत महंगी हुईं. इसकी मुख्य वजह प्याज है, जिसकी मुद्रास्फीति माह के दौरान 455.83 प्रतिशत बढ़ी. इस दौरान आलू के दाम 44.97 प्रतिशत चढ़ गए.

अभी और गिरेगी गाज! विशेषज्ञों का मानना है कि खाद्य उत्पाद खासकर सब्जियां महंगी होने से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगले महीने और चढ़ सकती है. एसबीआई इकनॉमिक रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है, ''अनुमान है कि जनवरी में मुद्रास्फीति 8 प्रतिशत के पार जाएगी और उसके बाद नीचे आना शुरू होगी.''

इस बीच, प्याज के दाम कम होने के संकेत हैं. प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी बारिश की वजह से फसल बर्बाद होने के कारण हालिया समय तक प्याज 100 रुपए प्रति किलो से अधिक के दाम पर बिक रहा था. हालांकि अब नई फसल की आवक और आयात के बाद प्याज कीमतें नीचे आ रही हैं.

आरबीआई के हाथ बंधे मुद्रास्फीति में आए जोरदार उछाल के बाद अब रिजर्व बैंक द्वारा फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश नहीं रह गई है. 

Web Title: Price rise in prices of vegetables, havoc on common man, wholesale inflation rises to 2.59%

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