अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सुखद संकेत, प्रत्यक्ष कर संग्रह में 74 प्रतिशत का जोरदार उछाल

By भाषा | Published: September 24, 2021 09:28 PM2021-09-24T21:28:04+5:302021-09-24T21:28:04+5:30

Pleasant signs on the front of the economy, a strong jump of 74 percent in direct tax collection | अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सुखद संकेत, प्रत्यक्ष कर संग्रह में 74 प्रतिशत का जोरदार उछाल

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सुखद संकेत, प्रत्यक्ष कर संग्रह में 74 प्रतिशत का जोरदार उछाल

नयी दिल्ली, 24 सितंबर आर्थिक गतिविधियों के जोर पकड़ने के साथ ही सरकार के प्रत्यक्ष कर संग्रह में जोरदार उछाल आया है। चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से लेकर अब तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह सालाना आधार पर 74.4 प्रतिशत बढ़कर 5.70 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मुख्य रूप से अग्रिम कर और टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) भुगतान बढ़ने से प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ा है। प्रत्यक्ष कर संग्रह में आयकर और कंपनी कर आते हैं।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के बयान के अनुसार कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में से रिफंड जारी किये जाने के बाद चालू वित्त वर्ष में एक अपैल से 22 सितंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 74.4 प्रतिशत बढ़कर 5,70,568 करोड़ रुपये रहा है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 3.27 लाख करोड़ रुपये रहा था।

वित्त वर्ष 2019-20 में प्राप्त 4.48 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले यह 27 प्रतिशत अधिक है।

सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-22 की आलोच्य अवधि (अप्रैल से 22 सितंबर तक) में 47 प्रतिशत बढ़कर 6.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 में 4.39 लाख करोड़ रुपये रहा था। वहीं 2019-20 (अप्रैल-22 सितंबर) के 5.53 लाख करोड़ रुपये के सकल संग्रह के मुकाबले यह 16.75 प्रतिशत अधिक है।

सीबीडीटी के अनुसार अग्रिम कर के रूप में 2.53 लाख करोड़ रुपये और टीडीएस के जरिये 3.19 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुये हैं। स्व-आकलन पर आधारित 41,739 करोड़ रुपये, नियमित आकलन कर 25,558 करोड़ रुपये, लाभांश वितरण कर 4,406 करोड़ रुपये तथा अन्य छोटे मदों के तहत आने वाला कर 1,383 करोड़ रुपये रहा।

बयान में कहा गया है, ‘‘संचयी रूप से अग्रिम कर संग्रह वित्त वर्ष 2021-22 की पहली और दूसरी तिमाही में 22 सितंबर तक 56 प्रतिशत बढ़कर 2,53,353 करोड़ रुपये रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में यह 1,62,037 करोड़ रुपये था।’’

अग्रिम कर संग्रह में कंपनी कर 1.96 लाख करोड़ रुपये तथा व्यक्तिगत आयकर 56,389 करोड़ रुपये रहा। सकल कंपनी कर संग्रह 3.58 लाख करोड़ रुपये तथा व्यक्तिगत आयकर संग्रह 2.86 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। शुद्ध रूप से कंपनी कर संग्रह 3.02 लाख करोड़ रुपये तथा व्यक्तिगत आयकर 2.67 लाख करोड़ रुपये रहा।

चालू वित्त वर्ष में अब तक 75,111 करोड़ रुपये करदाताओं को वापस किये गये हैं।

सीबीडीटी ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के शुरूआती चुनौतीपूर्ण महीनों के बावजूद अग्रिम कर संग्रह दूसरी तिमाही में (एक जुलाई से 22 सितंबर 2021) 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा। यह वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में 1.13 लाख करोड़ रुपये के अग्रिम कर संग्रह के मुकाबले 51.50 प्रतिशत अधिक है।

नांगिया एंडरसन एलएलपी के भागीदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि कंपनियां दूसरी लहर से निपटने को लेकर बेहतर तरीके से तैयार थी। उन्होंने कहा, ‘‘उल्लेखनीय रूप से अधिक कर संग्रह का आंकड़ा भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में सुधार को बताता है। वित्त वर्ष 2020-21 एक ऐसा वर्ष था जिसने दुनिया भर के करदाताओं और सरकारों को अचंभित किया। वित्त वर्ष 2019-20 में मौजूदा हालात की तुलना में स्थिति अधिक सुदृढ़ थी। उसके मुकाबले 2021-22 में कर संग्रह में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 में ‘लॉकडाउन’ की वजह से कंपनियों के कामकाज पर असर पड़ा था। ऐसे में पिछले वित्त वर्ष से 74.4 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले 2019-20 की तुलना में सुधार आर्थिक पुनरूद्धार के लिहाज से सुखद संकेत है।’’

झुनझुनवाला ने कहा कि 2019-20 के मुकाबले 2021-22 में (अप्रैल-22 सितंबर) अग्रिम कर संग्रह में सुधार अर्थव्यवस्था के तेजी से पटरी पर आने की पुष्टि करता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Pleasant signs on the front of the economy, a strong jump of 74 percent in direct tax collection

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे