इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (आईबीएचएफएल) के खिलाफ अनियमितता, धन की हेराफेरी और नियमों के उल्लंघन के आरोप में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिका में आरोपों की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच करवाने की मांग की गई है।
इंडियाबुल्स के कंपनी सचिव अमित जैन ने बयान में कहा कि कथित याचिका में पूर्व की तरह के ही आरोप लगाए गए हैं। पहले याचिकाकर्ता अभय यादव ने याचिका दायर की थी , जिसे उसने बाद में वापस ले लिया था।
एनजीओ, सिटीजन व्हिसल ब्लोवर फोरम की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने अपने प्रवर्तकों , समूह की विभिन्न कंपनियों और अनुषंगियों के माध्यम से बड़ी कॉरपोरेट समूह के स्वामित्व वाली कंपनियों को संदिग्ध कर्ज दिया गया।
याचिका में कहा गया कि इन कंपनियों ने इस धन को वापस हेरफेर करके इंडियाबुल्स के प्रवर्तकों की स्वामित्व वाली कंपनियों के खाते में डाला ताकि उनकी निजी संपत्ति को बढ़ाया जा सके।
याचिका को अगले हफ्ते सुनवाई के लिए अधिसूचित किया जा सकता है।