Paytm crisis: पेटीएम पेमेंट्स बैंक के विरुद्ध ED को नहीं मिले कोई साक्ष्य, फेमा के तहत कंपनी ने नहीं किया कोई उल्लंघन

By आकाश चौरसिया | Published: February 17, 2024 10:25 AM2024-02-17T10:25:53+5:302024-02-17T10:34:32+5:30

कंपनी के अतिरिक्त जन धमा, टॉप-अप, अपने ग्राहक खातों, वॉलेट, फास्टटैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) में 29 फरवरी से आगे लेनदेन पर आरबीआई ने प्रतिबंध लगाया था।

Paytm crisis ED did not find any evidence against Paytm Payments Bank the company did not commit any violation under FEMA | Paytm crisis: पेटीएम पेमेंट्स बैंक के विरुद्ध ED को नहीं मिले कोई साक्ष्य, फेमा के तहत कंपनी ने नहीं किया कोई उल्लंघन

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsपेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई ने कड़े प्रतिबंध लगाए थेलेकिन, थोड़ी छूट देते हुए इसे 29 फरवरी से आगे बढ़ा दिया हैअब ईडी पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ फेमा के तहत कोई कार्रवाई नहीं करेगी

Paytm crisisपेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के लेनदेन में फेमा के किसी भी नियम का उल्लंघन की बात को प्रवर्तन निदेशालय ने सिरे से नकार दिया है। लेकिन, 'द हिंदू' रिपोर्ट की मानें तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कथित गैर-अनुपालन से जुड़े कुछ दूसरे मामले में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। ईडी ने पीपीबीएल के विरुद्ध इस हफ्ते अपनी जांच शुरू की थी, लेकिन सबूत न मिलने पर अब इसे रोक दिया है। ये कार्रवाई ऐसे समय में हुई, जब आरबीआई ने पेटीएम की कंपनी पीपीबीएल पर प्रतिबंध लगाए थे। 

31 जनवरी, 2024 को आरबीआई ने पेटीएम की सहायक कंपनी पीपीबीएल को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें कंपनी के अतिरिक्त जन धमा, टॉप-अप, अपने ग्राहक खातों, वॉलेट, फास्टटैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) में 29 फरवरी से आगे लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब आरबीआई ने बीते शुक्रवार (16 फरवरी) को यह समय सीमा 15 मार्च तक बढ़ा दी।

आरबीआई ने कहा था पीपीबीएल के खिलाफ व्यापक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की रिपोर्ट की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई थी, जिसमें बैंक में लगातार गैर-अनुपालन की बात सामने आई थी, जिससे आगे की कार्रवाई की आवश्यकता हुई। 

ईडी को जांच के तहत वित्तीय लेनदेन की जांच करने का काम सौंपा गया था। ईडी फेमा और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कथित उल्लंघन या अपराधों की जांच करता है। इससे पहले ईडी ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद पेटीएम के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की थी और उनसे दस्तावेज हासिल किए। पेटीएम के अधिकारियों ने कुछ दस्तावेज जमा कराए थे, जिसके बाद उनसे कुछ सवाल पूछे गए।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पीपीबीएल के मामले में कोई पीएमएलए अनुसूचित अपराध शामिल नहीं है, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच नहीं की जा सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "अगर कोई अपराध नहीं बनता है, तो अपराध की आय का भी कोई सृजन नहीं होता है और इसलिए पीएमएलए लागू नहीं होता है।" इसलिए ईडी ने यह निर्धारित करने के लिए लेनदेन पर गौर किया कि क्या फेमा प्रावधानों के तहत कोई उल्लंघन हुआ है।

पेटीएम की नोडल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने पहले कहा था कि उसकी सहायक कंपनियां और उसके सहयोगी, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड, आउटवर्ड फॉरेन रेमिटेंस नहीं करते हैं। एक नियामक फाइलिंग में पेटीएम ने कहा, "हम यह भी स्पष्ट करना चाहेंगे कि हमारा सहयोगी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड आउटवर्ड फॉरेन रेमिटेंस नहीं करता है।"

Web Title: Paytm crisis ED did not find any evidence against Paytm Payments Bank the company did not commit any violation under FEMA

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