Paytm Controversy: "एक्शन से पहले पेटीएम पेमेंट्स बैंक को वित्तिय सुधार के लिए समय दिया गया था", रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 8, 2024 02:39 PM2024-02-08T14:39:02+5:302024-02-08T14:54:01+5:30
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियामक कार्रवाई शुरू करने से पहले कंपनी को पर्याप्त समय दिया गया था।
नई दिल्ली: वित्तिय गड़बड़ियों के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रडार पर चल रहे पेटीएम के बारे में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियामक कार्रवाई शुरू करने से पहले कंपनी को पर्याप्त समय दिया गया था।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार शक्तिकांत दास ने कहा, "पेटीएम संकट के इस संदर्भ में मैं सिर्फ उस कंपनी का नहीं, बल्कि एक सामान्य अवलोकन करना चाहता हूं। हमने अपनी पर्यवेक्षी प्रणाली और दृष्टिकोण को काफी गहरा किया है। हमारा जोर हमेशा विनियमित इकाई के साथ द्विपक्षीय जुड़ाव पर रहा है।"
उन्होंने कहा, "हम पेटीएम पेमेंट्स बैंक को सुधारात्मक कार्रवाई के लिए कई बार प्रेरित किया, उनका ध्यान केंद्रित कराया और सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए उन्हें पर्याप्त समय भी दिया। रिजर्व बैंक की ओर से पेटीएम पेमेंट्स बैंक को मुद्दों के हल के लिए पर्याप्त समय दिया गया था।"
उन्होंने आगे कहा कि आरबीआई तभी कार्रवाई शुरू करता है जब उसके द्वारा किये जा रहे सुधार प्रयासों को कंपनियों द्वारा अनदेखा किया जाता है। जब कंपनियां रिजर्व बैंक के तय नियमों के हिसाब से नहीं चलती हैं तो उन पर व्यावसायिक प्रतिबंध लगाना जरूरी हो जाता है।
उन्होंने कहा, "रिजर्व बैंक ऐसे प्रतिबंध तभी लगाता है, जब आंकलन के अनुसार स्थितियां गंभीर होती हैं। अगर कोई इकाई विनियमन का अनुपालन कर रही है तो हमें कार्रवाई क्यों नहीं करनी चाहिए? हम एक जिम्मेदार नियामक हैं।"
हालांकि गवर्नर दास ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ की गई रिजर्व बैंक की कार्रवाई का विवरण साझा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "पेटीएम मुद्दे पर विस्तृत विवरण साझा करना उचित नहीं है। हालाँकि केंद्रीय बैंक अगले सप्ताह पेटीएम मुद्दे से संबंधित एक एफएक्यू जारी करेगा।"
एमपीसी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गवर्नर दास ने यह भी कहा कि पेटीएम पर चल रहे संकट के बीच अन्य फिनटेक फर्मों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है।
उन्होंने कहा, "आरबीआई वित्तीय क्षेत्र में नये प्रयोग और प्रौद्योगिकी का हमेशा से समर्थन करता है और फिनटेक को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई की प्रतिबद्धता के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।"
मालूम हो कि 31 जनवरी को देश के केंद्रीय बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ सख्त नियामक कार्रवाई शुरू की और उसे 1 मार्च से कुछ प्रमुख सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया है।
रिजर्व बैंक के इस आदेश से डिजिटल भुगतान फर्म पेटीएम के लिए संकट पैदा हो गया है, जिसके पास भुगतान बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह वॉलेट सेवाएं और फास्टैग जैसी कई सुविधाएं भी प्रदान करता है।