नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने राष्ट्रीय सांख्यिकी अधिकारी (एनएसओ) के अनंतिम अनुमानों के बाद वित्तीय वर्ष 2021-22 की अंतिम तिमाही के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि को 4.1 फीसदी पर रखने के बाद "वादे का कोई संकेत नहीं" वसूली पर चिंता व्यक्त की। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनएसओ अनुमानों का "सबसे हड़ताली ग्राफ" पिछले वित्त वर्ष की तिमाही वृद्धि दर है, जो नीचे की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
चिदंबरम ने कहा कि तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि विकास दर हर तिमाही में कमजोर हो रही है, वादे किए गए 'वसूली' का कोई संकेत नहीं है। सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए चिदंबरम ने लिखा, "एनएसओ के आंकड़े सामने हैं: सबसे चौंकाने वाला ग्राफ 2021-22 में 20.1, 8.4, 5.4 और 4.1 प्रतिशत की तिमाही वृद्धि दर है। वह ग्राफ सब कुछ बताता है।"
उन्होंने आगे लिखा, "विकास दर हर तिमाही के साथ कमजोर हो रही है और वादा किए गए 'रिकवरी' का कोई संकेत नहीं है। 2021-22 में जीडीपी 2019-20 में हासिल किए गए स्तर से बमुश्किल ऊपर है। इसका मतलब है कि आपके दो साल बाद, भारत की अर्थव्यवस्था लगभग उसी स्तर पर है, जो 31-3-2020 को थी।"
एनएसओ के अनंतिम अनुमानों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था के पिछले वित्त वर्ष के दौरान 8.7 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो एक प्रमुख अर्थव्यवस्था द्वारा सबसे तेज वार्षिक विकास दर है। मार्च 2022 को समाप्त हुई चार तिमाहियों के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि क्रमशः 20.1 फीसदी, 8.4 फीसदी, 5.4 फीसदी और 4.1 फीसदी थी। 2020-21 के लिए संबंधित संख्या माइनस 23.8 फीसदी, माइनस 6.6 फीसदी, 0.7 फीसदी और 2.5 फीसदी थी।