विदेशों में तेजी के रुख से तेल-तिलहन के भाव सुधरे

By भाषा | Updated: July 26, 2021 17:15 IST2021-07-26T17:15:45+5:302021-07-26T17:15:45+5:30

Oil-oilseeds prices improve due to the fast trend abroad | विदेशों में तेजी के रुख से तेल-तिलहन के भाव सुधरे

विदेशों में तेजी के रुख से तेल-तिलहन के भाव सुधरे

नयी दिल्ली, 26 जुलाई विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों, सोयाबीन, मूंगफली और सीपीओ सहित विभिन्न खाद्य तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ। बिनौला का ऑफसीजन होने तथा गुजरात की मांग बढ़ने से संभवत: पहली बार बिनौला रिफाइंड का भाव मूंगफली के मुकाबले लगभग पांच रुपये किलो महंगा हो गया।

बाजार सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों देश में खाद्य तेल की कमी को पूरा करने और बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सीपीओ और सोयाबीन डीगम के आयात शुल्क को कम करने के अलावा पामोलीन के आयात को फिर से शुरू करने का फैसला किया था। इस फैसले के बाद मलेशिया में सीपीओ के भाव और मजबूत हो गये। सोयाबीन डीगम में भी पर्याप्त सुधार आया जिसकी वजह से देश में अन्य खाद्य तेलों के भाव भी मजबूत हो गये।

सूत्रों ने कहा कि सोमवार को देश की मंडियों में सरसों की आवक काफी बढ़ी है क्योंकि ऊंचे भाव पर किसान इसे बिक्री के लिए ला रहे हैं। आमतौर पर मंडियों में जो लगभग दो लाख बोरी की आवक थी वह बढ़कर लगभग पौने तीन लाख बोरी हो गयी। उन्होंने कहा कि कोटा, सलोनी और आगरा में सरसों दाना का भाव 8,200 रुपये क्विन्टल से बढ़कर 8,300 रुपये क्विन्टल हो गया।

सूत्रों ने कहा कि गुजरात की मांग निकलने और ऑफसीजन होने की वजह से बिनौला तेल (कच्चा तेल) की कीमत मूंगफली के मुकाबले लगभग पांच रुपये किलो अधिक हो गई है। अभी तक बिनौला के भाव मूंगफली से कम ही हुआ करते थे। जबकि मूंगफली तेल को सरसों की तरह तत्काल इस्तेमाल में लाया जा सकता है मगर बिनौला को रिफाइंड बनाना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की घरेलू मांग को देखते हुए सरकार को इसके निर्यात पर एक नवंबर तक के लिए रोक लगा देनी चाहिये। इसकी अगली फसल अक्टूबर में आयेगी। तेल संयंत्र वालों, किसानों और व्यापारियों के पास सोयाबीन दाना नहीं के बराबर है। अक्टूबर में नयी फसल के आने और तेल के रूप में बाजार तक पहुंचने में लगभग एक महीने का वक्त लग सकता है।

सूत्रों ने बताया कि मांग बढ़ने से बिनौला तेल के साथ-साथ सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी पर्याप्त सुधार दर्ज हुआ।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,725 - 7,775 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,945 - 6,090 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,500 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,235 - 2,365 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,350 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,510 -2,560 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,610 - 2,720 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,100 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,600 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,550 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,600 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,500 रुपये।

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Web Title: Oil-oilseeds prices improve due to the fast trend abroad

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