नई दिल्ली, 24 जुलाई : कालेधन पर चल रही राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप के बीच केंद्र सरकार ने स्विस बैंक में जमा भारतीयों के पैसे पर नया आंकड़ा बताया है। वित्तमंत्री का प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने जारी आंकड़ो में बताया कि स्विस बैंकों में पिछले साल भारतीय लोगों का धन घटा है।
राज्यसभा में जानकारी देते हुए पीयूष गोयल ने कहा है कि 'स्विस बैंकों में भारतीय लोगों का धन 2017 में 34.5 फीसदी कम हुआ है। इतना ही नहीं उन्होंने बताया है कि 2014 में सरकार के आने के बाद काले धन के ऊपर जो प्रहार किया गया है, उसी के कारण स्विस बैंकों में जमा धनराशि में 2017 के अंत तक 80% कमी आई है।
कालेधन के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि स्विस अथॉरिटी से 2014 के बाद से काले धन की 4000 हजार जानकारी मांगी गई है। जिसके बाद आंकड़ों पर देशभर में कार्यवाही की जा गई है। उन्होंने ये भी बताया है कि 1 जनकरी 2018 के बाद से जितने भी ट्रांजेक्शन किए गए हैं उनकी जानकारी ऑटोमेटिक भारत सरकार को मिले। पीयूष गोयल ने कहा कि स्विस बैंक ने बैंक फॉर इंटरनैशनल सेटलमेंट के साथ मिलकर डेटा तैयार किया है।
आईएनएलडी के सांसद ने जब सरकार से पूछा कि जिस में 50 फीसदी जमा बढ़ने की खबर आई थी उस समय वित्त मंत्री अरुण जेलटी ने ब्लॉग लिख कहा था कि स्विस बैंक में जमा सारा पैसा कालाधन नहीं है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि हमें यह बताया जाए कि इसमें से कितना कालाधन है। दरअसल इन आंकड़ों पर देश भर में कार्रवाई की जा रही है।
पीयूष गोयल ने कहा कि स्विस सरकार से हुई संधि के बाद 1 जनवरी 2018 के बाद हुए ट्रांजैक्शन की ऑटोमेटिक जानकारी भारत की सरकार को मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि स्विस बैंक का डेटा गलत है। दरअसल हाल में स्विस बैक की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई थी जिसके मुताबिक 2017 से अब तक कालाधन 50 फीसदी बढ़ा है। जिसके बाद से विपक्ष आदि के द्वारा बीजेपी पर सवाल उठने लगे थे।