भारत सरकार ने सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की नीलामी को खरीदने में रुचि (एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट) दिखाने की आखिरी तारीख बढ़ाने से मना कर दिया है। भारत के सिविल एविएशन सचिव आरएन चौबे ने बताया कि यह तारीख 31 मई से आगे नहीं बढ़ायी जाएगी। इससे पहले एयर इंडिया खरीदने के लिए रुचि दिखाने की अंतिम तारीख 14 मई से बढ़ाकर 31 मई की गयी थी। अभी तक किसी भी कारोबारी समूह या व्यक्ति ने एयर इंडिया को खरीदने में रुचि नहीं दिखायी है।
भारत सरकार एयर इंडिया में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। एयर इंडिया भारी घाटे में चल रही है। कंपनी पर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी अपने कर्मचारियों को तनख्वाह भी नहीं दे पा रही है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने एयर इंडिया की खस्ता हालत को देखते हुए इसके विनिवेश का फैसला किया लेकिन अभी तक कोई खरीदार सामने नहीं आया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अगर आखिरी तारीख तक कोई खरीदार नहीं सामने आया तो सरकार 15 जून तक इसे बेचने के लिए क्वालिफाइड बिड की घोषणा कर सकती है।
भारत सरकार पहले की साफ कर चुकी है कि एयर इंडिया खरीदने वाली कंपनी को तीन साल के अंदर इसे पब्लिक नहीं करना पड़ेगा। भारत सरकार एयर इंडिया में अल्प शेयरधारक बनकर रहेगी जिसके पास कोई विशेषाधिकार नहीं होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंडिगो, जेट एयरवेज, एमीरात और कतर एयरलाइंस पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो एयरइंडिया को खरीदने में रुचि नहीं रखते। माना जा रहा है कि टाटा समूह भी एयर इंडिया को खरीदने में रुचि नहीं ले रहा है।
मोदी सरकार एयर इंडिया में 76 प्रतिशत, एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में 100 प्रतिशत और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी का निवेश करने को तैयार है। भारत सरकार एयर इंडिया से जुड़े भिन्न-भिन्न अंगों को अलग-अलग नहीं बेचना चाहती।
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