अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत के बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वो आज दो मुद्दों पर बात करेंगी। पहला अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए संसदीय उपाय और दूसरा पहले से उठाए गए कदमों से अब तक क्या फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि इससे बजट की तैयारी कर सकते हैं। पढ़िए, निर्मला सीतारणम की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें...
- मुख्य आर्थिक सलाहकार केएम सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार सरकारी कंपनियों का कर्ज चुकाने पर फोकस कर रही है।
- सुब्रमण्यम ने कहा कि सभी NBFC और HFC को क्रेडिट मुहैया करा और बिल में डिस्काउंट देकर MSME को राहत देने की योजना है।
- उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के बाद सभी सरकारी बैंकों ने कर्ज को रेपो-रेट से जोड़ दिया। इस तरह नवंबर तक 8 लाख लोगों को करीब 70 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज दिया गया।
- सुब्रमण्यम ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 15 फीसदी करने से भारतीय कंपनियां भी वैश्विक कंपनियों के बराबर हो गई हैं। इस फिस्कल ईयर की पहली छमाही में 35 अरब डॉलर का रिकॉर्ड FDI आया है।
- निर्मला सीतारमण ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राहुल गांधी का 'रेप इन इंडिया' वाला बयान बेहद शर्मनाक है। उन्हें एक महिला की अस्मिता का ख्याल रखना चाहिए।
- मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने शुक्रवार को कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिये खपत बढ़ाने के उपायों पर गौर कर रही है।
- उन्होंने कहा कि खुदरा कर्ज को बढ़ावा देने के लिये गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों के लिये 4.47 लाख करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं। आंशिक ऋण गारंटी योजना के तहत 7,657 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गयी है।
- मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये बजट में निर्धारित 3.38 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय में से 66 प्रतिशत का उपयोग किया जा चुका है। रेल और सड़क मंत्रालयों ने 31 दिसंबर तक 2.46 लाख करोड़ रुपये का पूंजी व्यय किया है।
सुब्रमण्यम ने कहा कि 27 नवंबर तक रेपो दर से जुड़े ब्याज पर 70,000 करोड़ रुपये का 8 लाख से अधिक कर्ज दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 60,314 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गयी है। बैंकों ने 2.2 लाख करोड़ रुपये में कंपनियों तथा 72,985 करोड़ रुपये एमएसएमई को वितरित किये हैं।