National Critical Mission: 16,300 करोड़ रुपये होंगे खर्च?, नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी, जानें मुख्य लक्ष्य
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 29, 2025 18:02 IST2025-01-29T15:58:19+5:302025-01-29T18:02:06+5:30
National Critical Infrastructure Mission: सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को इस फैसले की जानकारी दी।

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National Critical Infrastructure Mission: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए बुधवार को 16,300 करोड़ रुपये के 'राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन' (एनसीएमएम) को स्वीकृति दी। इस मिशन को अगले सात वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 18,000 करोड़ रुपये का निवेश भी मिलने की संभावना है। देश के भीतर और अपतटीय स्थानों पर महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को बढ़ावा देने पर यह निवेश किया जाएगा। तांबा, लिथियम, निकेल, कोबाल्ट और दुर्लभ पृथ्वी खनिज जैसे महत्वपूर्ण खनिज तेजी से बढ़ती हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे। पवन टर्बाइन और बिजली नेटवर्क से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी निर्माण तक में इनका इस्तेमाल कच्चे माल के तौर पर बढ़ रहा है।
VIDEO | Here’s what Union Minister Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) said at a press briefing on the Cabinet Committee on Economic Affairs approval over revision of ethanol procurement price for Public Sector Oil Marketing Companies.
— Press Trust of India (@PTI_News) January 29, 2025
“A major decision has been taken regarding… pic.twitter.com/g6NGHbzPhf
VIDEO | Delhi: Here’s what Union Minister Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) said at a Cabinet press briefing:
“Several key decisions have been made to create new opportunities for our youth, future generations, and the economy through science and technology. In this regard, PM… pic.twitter.com/H5KxzppIeS— Press Trust of India (@PTI_News) January 29, 2025
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह मिशन शुरू करने का फैसला किया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को इस फैसले की जानकारी दी। वैष्णव ने कहा कि एनसीएमएम का उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों के आयात पर देश की निर्भरता को कम करना और इस मामले में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा, "इस मिशन के तहत 24 महत्वपूर्ण खनिजों को चिह्नित किया गया है। इसके लिए 16,300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।" राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के तहत महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण, खनन, प्रसंस्करण और उत्पादन बंद हो चुके उत्पादों से इन खनिजों की वसूली जैसे मूल्य शृंखला से जुड़े सभी चरण शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि मिशन के तहत महत्वपूर्ण खनिजों के प्रोत्साहन के लिए एक व्यापक योजना तैयार की गई है। सरकार को उम्मीद है कि यह मिशन देश के भीतर और इसके अपतटीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को तेज करेगा। इस बीच खान मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से इस मिशन के लिए आवंटित 16,300 करोड़ रुपये के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के भी इसमें अगले सात वर्षों में 18,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की संभावना है। इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों की खनन परियोजनाओं के लिए नियामकीय मंजूरी की प्रक्रिया को त्वरित बनाना है।
इसके अलावा मिशन महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देगा और इन संसाधनों को 'ओवरबर्डन' और 'टेलिंग्स' से दोबारा निकालने की गतिविधि को बढ़ावा देगा। 'ओवरबर्डन' मिट्टी और चट्टान की वह परत होती है जिसे खनिजों तक पहुंचने के लिए हटाया जाता है। वहीं 'टेलिंग्स' वे पदार्थ होते हैं जो खनिजों को निकालने के बाद या बाद में बचे रह जाते हैं।
वैष्णव ने कहा कि एनसीएमएम का उद्देश्य भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करने और संसाधन समृद्ध देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह मिशन देश के भीतर महत्वपूर्ण खनिजों के भंडार के विकास का भी प्रस्ताव करता है।
मिशन में खनिज प्रसंस्करण पार्कों की स्थापना और महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण का समर्थन करने के प्रावधान भी शामिल हैं। इसमें महत्वपूर्ण खनिज प्रौद्योगिकियों में शोध को बढ़ावा देने और उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है। एनसीएमएम अपने उद्देश्यों को पाने के लिए संबंधित मंत्रालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों और अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा। सरकार ने महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन को बढ़ावा देने के लिए 2023 में खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन किया था।
इस संशोधन के बाद रणनीतिक महत्व वाले खनिजों के 24 ब्लॉकों की नीलामी की गई। इसके साथ भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने पिछले तीन वर्षों में महत्वपूर्ण खनिजों के लिए 368 अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की हैं जिनमें से 195 परियोजनाएं इस समय चल रही हैं। अगले वित्त वर्ष में जीएसआई विभिन्न महत्वपूर्ण खनिजों के लिए 227 परियोजनाएं शुरू करेगा।
सरकार ने सी श्रेणी के शीरा से उत्पादित एथनॉल की कीमत बढ़ाई
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस साल 31 अक्टूबर को समाप्त होने वाली 2024-25 अवधि के लिए सी श्रेणी के शीरा से प्राप्त एथनॉल की कीमत (एक्स-मिल) 1.69 रुपये बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर करने को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने बुधवार को बैठक में यह निर्णय लेने के बाद घोषणा करते हुए कहा कि बी श्रेणी के भारी शीरा और गन्ना रस/चीनी/शीरा से उत्पादित एथनॉल की कीमतें क्रमशः 60.73 रुपये प्रति लीटर और 65.61 रुपये प्रति लीटर पर यथावत रखी गईं।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों के लिए एथनॉल खरीद मूल्य में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य भी 2030 से कम करते हुए एथनॉल वर्ष 2025-26 कर दिया है। आधिकारिक बयान में कहा गया, “इस दिशा में कदम उठाते हुए तेल विपणन कंपनियों ने चालू एथनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के दौरान 18 प्रतिशत मिश्रण हासिल करने की योजना बनाई है।”