नयी दिल्ली, 18 सितंबर नैसकॉम ने शनिवार को कहा कि मध्यवर्ती सेवाओं के दायरे पर जीएसटी परिषद के स्पष्टीकरण से यह सुनिश्चित होगा कि प्रवर्तन अधिकारी अब बीपीएम निर्यात / आरएंडडी निर्यात और आईटी सेवाओं से संबंधित निर्यात के लिए निर्यात के दर्जे से इनकार नहीं करेंगे।
जीएसटी परिषद ने शुक्रवार को विभिन्न मुद्दों पर अस्पष्टता और कानूनी विवादों को दूर करने के लिए कुछ परिपत्र जारी करने की सिफारिश की थी। इसमें सेवाओं के निर्यात के लिए आईजीएसटी कानून 2017 की एक धारा के संदर्भ में ‘मध्यवर्ती सेवाओं’ के दायरे पर स्पष्टीकरण और ‘एक विशिष्ट व्यक्ति के प्रतिष्ठान’ शब्द की व्याख्या से संबंधित स्पष्टीकरण शामिल थे।
नैसकॉम ने एक बयान में कहा, ‘‘नैसकॉम मध्यवर्ती सेवाओं के दायरे को स्पष्ट करने के लिए एक परिपत्र जारी करने के जीएसटी परिषद के निर्णय का स्वागत करता है। हम उम्मीद करते हैं कि इससे बीपीएम उद्योग के लिए एक लंबे समय से अटके मुद्दे का समाधान होगा और यह सुनिश्चित होगा कि बीपीएम निर्यात/ आरएंडडी निर्यात और आईटी सेवाओं से संबंधित निर्यात के लिए निर्यात के दर्जे से प्रवर्तन अधिकारी अब इनकार नहीं करेंगे।’’
नैसकॉम ने कहा कि इससे भारत में जीसीसी केंद्रों के लिए अनिश्चितता के बादल खत्म होंगे। संस्था ने कहा कि वह पिछले दो-तीन साल से इस मुद्दे की पैरवी कर रहा था।
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