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मोदी सरकार आज मना रही है GST दिवस, कहा-आजादी के बाद का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: July 1, 2018 09:35 IST

जीएसटी में करीब एक दर्जन करों को समाहित किया गया है। केन्द्र स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, राज्यों में लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) और कई स्थानीय शुल्कों को जीएसटी में समाहित किया गया जिसके बाद देश में 'एक राष्ट्र , एक कर' की यह नई प्रणाली लागू हुई। 

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ठळक मुद्देजीएसटी के एक साल पूरा होने की पूर्व संध्या में वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार देश में एक जुलाई 2018 को जीएसटी दिवस मनाएंगी। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जीएसटी का पहला साल भारतीय करदाताओं के इस अप्रत्याशित कर सुधार की व्यवसथा में भागीदार बनने को लेकर तैयार रहने का बेहतर उदाहरण दिखाता है।वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कर चोरी रोकने में उपभोक्ताओं की भागीदारी पर जोर देते हुए उनसे खरीदे गए सामान के लिए बिल मांगने की अपील की है।

नई दिल्ली, 01 जुलाईः देश की नरेंद्र मोदी सरकार आज माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने की पहली वर्षगांठ मनाने जा रही है। इसके लिए उसने 'जीएसटी दिवस' नाम दिया है। इसे संसद के केन्द्रीय कक्ष में 30 जून और एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में लागू किया गया था। इसे मोदी सरकार आजादी के बाद का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार मान रही है।

जीएसटी के एक साल पूरा होने की पूर्व संध्या में वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार देश में एक जुलाई 2018 को जीएसटी दिवस मनाएंगी। इस दौरान केन्द्रीय रेल, कोयला, वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री पीयूष गोयल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे, जबकि वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।

जीएसटी में करीब एक दर्जन करों को समाहित किया गया है। केन्द्र स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, राज्यों में लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) और कई स्थानीय शुल्कों को जीएसटी में समाहित किया गया जिसके बाद देश में 'एक राष्ट्र , एक कर' की यह नई प्रणाली लागू हुई। 

मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जीएसटी का पहला साल भारतीय करदाताओं के इस अप्रत्याशित कर सुधार की व्यवसथा में भागीदार बनने को लेकर तैयार रहने का बेहतर उदाहरण दिखाता है। इलेक्ट्रानिक वे-बिल इस प्रणाली के तहत पहले के विभागीय नीतिगत मॉडल से आगे बढ़कर एक 'स्व - घोषित मॉडल' की दिशा में अहम बदलाव है। 

इसमें ई -वे बिल हासिल कर पूरे देश में माल की बिना किसी रोक टोक के बाधामुक्त आवाजाही सुनिश्चित हो सकती है। देश में अंतरराज्यीय ई-वे बिल व्यवस्था एक अप्रैल 2018 से लागू हुई है, जबकि राज्यों के भीतर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल लेने की व्यवस्था को 15 अप्रैल से चरणों में लागू किया गया।

इधर, वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कर चोरी रोकने में उपभोक्ताओं की भागीदारी पर जोर देते हुए उनसे खरीदे गए सामान के लिए बिल मांगने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार को कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही हर सामान पर कर की दर को 4 से 5 प्रतिशत तक कम किया जा सकेगा। 

उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही एक तीन अंकों का हेल्पलाइन नंबर शुरू करेगी ताकि वह गड़बड़ी करने वाले व्यापारी के खिलाफ शिकायत कर सकें और किसी अन्य तरह की कर चोरी के बारे में जानकारी दे सकें। 

गोयल ने कहा, 'मैं लोगों से अपील करना चाहता हूं कि वह जब भी कोई सामान खरीदने जायें उसका बिल अवश्य मांगें। आप लोग यदि बिल मांगना शुरू करेंगे, इसको लेकर जागरूकता बढ़ेगी, तो उसके बाद हम प्रत्येक सामान पर कर दर में चार से पांच प्रतिशत तक कमी ला सकेंगे।' (खबर इनपुट-भाषा)लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!

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