नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने सिंगल ब्रैंड रिटेल कंपनियों को अब ऑटोमेटिक रूट के जरिए 100 फीसदी विदेशी निवेश की मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया है। इसके अलावा एविएशन और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी एफडीआई नियमों में छूट दी गई है। इस फैसले से इन सेक्टर्स में काफी निवेश बढ़ेगा। इस फैसले के बाद विदेशी कंपनियां अब भारत में अब आसानी से निवेश कर पाएंगी।
इससे पहले वाले नियमों की मानें तो एफडीआई के तहत निवेश करने के लिए सरकार से इजाजत लेनी पड़ती थी। लेकिन इस नए फैसले के जरिए सभी नियम और शर्त को पूरा करने के लिए आपको केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इस फैसले के तहत सरकार ने एयर इंडिया में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी दी है। इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन के एफडीआई नियमों में ढील बरती गई है। यानी कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी विदेशी निवेश के नियमों में बदलाव हुआ है।
क्या है एफडीआई( FDI)
एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश। किसी एक देश की कंपनी जब दूसरे देश में प्रत्यक्ष रूप से इनवेस्टमेंट करती है तो उस FDI कहते हैं। इनवेस्टमेंट करने से निवेशक को दूसरे देश की उस कंपनी के प्रबंधन में कुछ हिस्सा मिल जाता है। इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि आपको उस कंपनी में विदेशी निवेशक को 10 फीसदी शेयर खरीदना पड़ता है। इसके वाला इन्वेस्टमेंट करने वाली कंपनी में मताधिकार हासिल करना पड़ता है। इतना ही नहीं एफडीआई से विदेशी निवेशक और निवेश हासिल करने वाले कंपनी यानी दोनों को फायदा होता है। निवेशक एफडीआई के जरिए नए बाजार में एंट्री कर फायदा कमाता है तो वहीं विदेशी निवेशकों को टैक्स पर भारी छूट मिल जाती है।