सरकार की निजीकरण सूची में शामिल ज्यादातर सार्वजनिक उपक्रम निजी क्षेत्र ने ही बनाए थे : सान्याल
By भाषा | Updated: October 9, 2021 15:09 IST2021-10-09T15:09:47+5:302021-10-09T15:09:47+5:30

सरकार की निजीकरण सूची में शामिल ज्यादातर सार्वजनिक उपक्रम निजी क्षेत्र ने ही बनाए थे : सान्याल
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने सरकार की निजीकरण नीति का बचाव किया है। सान्याल ने शनिवार को कहा कि सरकार जिन भी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की बिक्री की मंशा रखती है उनकी स्थापना वास्तव में निजी क्षेत्र द्वारा ही की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष का कहना है कि ये उपक्रम सार्वजनिक क्षेत्र की मेहनत का नतीजा हैं। ऐसे में मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि जिन भी उपक्रमों के निजीकरण का प्रयास किया जा रहा है वास्तव में उनका निर्माण निजी क्षेत्र द्वारा ही किया गया था।’’
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एयर इंडिया को निजी क्षेत्र से वापस लिया गया और 1953 में उसका राष्ट्रीयकरण किया गया।
सान्याल ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में कहा, ‘‘इसी तरह 1969 में बैंकों को वापस लिया गया और उनका राष्ट्रीयकरण हुआ। ऐसे में जब लोग कहते हैं कि इन संस्थानों के निर्माण के पीछे भारतीय अधिकारियों की मेहनत है, तो मैं एक बात बताना चाहूंगा कि वास्तव में इन्हें निजी क्षेत्र की कंपनियों ने बनाया था।’’
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही निजीकरण के उद्देश्य से रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को रेखांकित कर चुकी हैं। रणनीतिक क्षेत्रों में सरकार की उपस्थिति न्यूनतम रहेगी।
सान्याल ने कहा, ‘‘जहां जरूरत होगी, वहां सरकार नयी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई बनाने में हिचकिचाएगी नहीं।’’
विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) के गठन का उदाहरण देते हुए सान्याल ने कहा कि सरकार ने हाल में बुनियादी ढांचा और विकास के वित्तपोषण के लिए राष्ट्रीय बैंक (एनएबीएफआईडी) बनाया है। इसके जरिये बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जाएगा।
बैंकिंग क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह रणनीतिक क्षेत्र है और सरकार की उपस्थिति इसमें बनी रहेगी।
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